रतन टाटा US गए, डिग्री ली फिर नौकरी करने गए तो इस लड़की से हो गया प्यार; होने वाली थी शादी लेकिन चीन की वजह से रह गए कुंवारे
Ratan Tata Love Story: आज रतन टाटा की पहली पुण्यतिथि है। वे एक सफल उद्योगपति होने के साथ-साथ एक दयालु इंसान भी थे। रतन टाटा को अमेरिका में कैरोलिन एमोंस से प्यार हुआ, शादी होने वाली थी, लेकिन भारत-चीन युद्ध के कारण दोनों अलग हो गए। दशकों बाद, उनकी दोस्ती फिर से शुरू हुई और जीवनभर कायम रही। रतन टाटा की यह प्रेम कहानी प्रेरणादायक है।

Ratan Tata Love Story: रतन टाटा की पहली पुण्यतिथि आज, अमेरिका में कैरोलिन एमोंस से हुआ था प्यार
नई दिल्ली। रतन टाटा (Ratan Tata) की आज यानी 9 अक्टूबर को पहली पुण्यतिथि है। आज ही के दिन एक साल पहले 86 वर्ष की उम्र में उनका निधन हुआ था। रतन टाटा सिर्फ एक चेयरमैन या उद्योगपति ही नहीं थे, बल्कि वे एक दूरदर्शी भी थे, एक ऐसे व्यक्ति जो सभी मनुष्यों और जानवरों के प्रति समान रूप से सहानुभूति रखते थे। रतन टाटा को यूं ही हमेशा नहीं याद किया जाता है। उनके काम और उनके स्वभाव ने उन्हें ये उपलब्धि दिलाई है। उनकी दरियादिली की लोग मिशाल देते हैं। मनुष्य और जानवरों के प्रति उनके प्रेम की परिभाषा किसी से छिपी नहीं है। लेकिन रतन टाटा जीवनभर कुंवारे रहे। उनकी प्रेम कहानी कभी पूरी ही नहीं हो सकी। उन्हें प्रेम तो हुआ, शादी भी होने वाली थी। लेकिन फिर चीन की वजह से उनसे उनका प्रेम बिछड़ गया। आज बात करेंगे उनकी मोहब्बत की पूरी कहानी की। शुरू करेंगे रटन टाटा के जन्म से लेकर और बताएंग उनके निधन तक की हर एक जरूरी बात।
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रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को हुआ था और वे नवल टाटा और सोनू कमिसारीट के सबसे बड़े पुत्र थे। अपनी दादी, लेडी नवाजबाई टाटा द्वारा पाले गए रतन एन. टाटा परोपकार और जनसेवा से ओतप्रोत वातावरण में पले-बढ़े।
अमेरिका में हुई Ratan Tata को मोहब्बत
रतन टाटा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल से पूरी की और 1955 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय चले गए, जहां उन्होंने आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। कॉर्नेल विश्वविद्यालय से वास्तुकला में विज्ञान स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, टाटा की तलाश में थे। इस तलाश ने उन्हें आर्चीबाल्ड क्विंसी जोन्स और फ्रेडरिक अर्ल एमोंस की कंपनी जोन्स एंड एमोंस तक पहुंचाया। टाटा लॉस एंजिल्स में थे। यहां उनकी मुलाकात फ्रेडरिक अर्ल एमोंस की 19 साल की कॉलेज में पढ़ने वाली बेटी कैरोलिन एमोंस से हुई।
ये सिर्फ मुलाकात ही नहीं बल्कि दिल का हारना भी टाटा। रतन टाटा कैरोलिन को अपना दिल दे बैठे थे। कैरोलिन भी टाटा को चाहने लगीं थी। थॉमस मैथ्यू की जीवनी में वर्णित है, कैरोलिन तुरंत टाटा की ओर आकर्षित हो गईं और उन्हें अपना "पहला सच्चा प्यार" माना।
दोनों की दोस्ती साझा रुचियों के कारण हुई, और कैरोलिन की मां टाटा को अपनी बेटी के लिए "सबसे खूबसूरत चीज" मानती थीं। उनका रिश्ता उम्मीदों से भरा हुआ लग रहा था, और दोनों परिवारों दोनों की शादी के लिए भी राजी हो गए।
Ratan Tata का भारत आना और चीन ने बिगाड़ दी बात
टाटा और कैरोलिन के बीच गहराते प्रेम ने एक नई अंगड़ाई ली। जुलाई 1962 में, टाटा अपनी बीमार दादी से मिलने भारत लौट आए, और कैरोलिन भी जल्द ही उनके पास जाने वाली थीं। लेकिन उसी साल अक्टूबर में भारत-चीन युद्ध छिड़ गया। एक महीने के भीतर युद्धविराम की घोषणा कर दी गई, लेकिन क्षेत्र में अस्थिरता के कारण कैरोलिन का परिवार उनकी भारत यात्रा को लेकर झिझक रहा था। उन्हें स्थिति अप्रत्याशित लग रही थी, और यात्रा बहुत जोखिम भरी लग रही थी।
अंततः, युद्ध के कारण दोनों अलग हो गए। मैथ्यू लिखते हैं, "एक महीने के भीतर युद्धविराम की घोषणा के बावजूद, एक अमेरिकी को स्थिति बहुत ही नाज़ुक लग रही थी। इसके तुरंत बाद, दोनों अलग हो गए।" कैरोलिन ने अंततः ओवेन जोन्स से शादी कर ली, जो एक वास्तुकार और पायलट थे, लेकिन बाद में उन्होंने कहा, "मजेदार बात यह है कि मैंने एक ऐसे व्यक्ति से शादी की जो रतन जैसा ही था।"
दशकों बाद फिर हुई मुलाकात और अच्छे दोस्त बन गए टाटा और कैरोलिन
उनके अलग होने के दशकों बाद, एक हॉलीवुड फिल्म देखकर कैरोलिन को टाटा की यादें ताजा हो गईं। 2007 में, "द दार्जिलिंग लिमिटेड" देखते हुए—जो तीन भाइयों की भारत यात्रा पर आधारित एक फिल्म थी—कैरोलिन को टाटा और उस देश की याद आई, जहाँ वह पहले कभी नहीं गई थीं। एक किताब के अनुसार, एक दोस्त ने पूछा कि क्या उन्होंने कभी भारत जाने के बारे में सोचा है, जिससे "यादों का एक तूफान सा आ गया"। कैरोलिन ने ऑनलाइन टाटा के बारे में जानकारी ली और पाया कि वे तब से टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष बन गए हैं।
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कैरोलिन ने टाटा को ईमेल करके भारत आने की इच्छा जताई और उन्होंने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। 2008 में, उन्होंने 5 हफ्ते भारत की यात्रा की और पहली बार टाटा से फिर से जुड़ीं। इस यात्रा ने एक नए रिश्ते की शुरुआत की जो सालों तक कायम रहा, जिसमें 2017 में टाटा के 80वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में कैरोलिन फिर से भारत आईं थी।
मैथ्यू लिखते हैं कि समय के साथ, कैरोलिन और टाटा की दोस्ती गहरी होती गई। कैरोलिन अपनी भारत यात्राओं के दौरान, जिसमें 2021 की एक यात्रा भी शामिल है, टाटा से मिलने जरूर जाती थीं। टाटा भी जब भी अमेरिका आते थे, उनसे मिलते थे और अक्सर उन्हें रात के खाने पर आमंत्रित करते थे। उनकी अटूट दोस्ती दशकों पहले बने उनके मजबूत रिश्ते का प्रमाण है, जो समय, दूरी और अप्रत्याशित परिस्थितियों की कसौटियों पर खरा उतरा है।
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