ट्रक ड्राइवरों को लोन बांट खड़ा किया 1.69 लाख करोड़ का साम्राज्य, नहीं रखते फोन; पास में इतनी सस्ती कार
राममूर्ति त्यागराजन (Ramamurthy Thyagarajan Success Story) ने सादगी से 1.69 लाख करोड़ रुपये का कारोबारी साम्राज्य खड़ा किया। उनके पास मोबाइल फोन तक नह ...और पढ़ें

राममूर्ति त्यागराजन ने 37 साल की उम्र में एवीएस राजा और टी. जयरामन के साथ मिलकर श्रीराम चिट्स की स्थापना की।
नई दिल्ली। जब कारोबारी सफलता की पहचान करोड़ों की गाड़ियों, महंगे फोन और आलीशान बंगलों से की जाती है, तब राममूर्ति त्यागराजन इस धारणा को चुपचाप तोड़ देते हैं। 1.69 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के कारोबारी साम्राज्य के फाउंडर होने के बावजूद न उनके पास मोबाइल फोन है, न महंगी कार और न ही दिखावे से भरी जिंदगी है। सादगी को जीवन का मूल मंत्र मानने वाले त्यागराजन ने साबित किया है कि बड़ा सोचने के लिए बड़ा दिखना जरूरी नहीं होता और यही सोच उन्हें भारत के सबसे अलग और प्रेरणादायक उद्योगपतियों में एक बनाती है। उनकी सोच और जीवनशैली दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की याद दिलाती है।
राममूर्ति त्यागराजन (Ramamurthy Thyagarajan Success Story) ने 37 साल की उम्र में एवीएस राजा और टी. जयरामन के साथ मिलकर श्रीराम चिट्स की स्थापना की। उनका उद्देश्य उन लोगों तक वित्तीय मदद पहुंचाना था, जिन्हें परंपरागत बैंकिंग व्यवस्था से कर्ज मिलना मुश्किल होता था। इनमें ट्रक ड्राइवर्स भी होते थे। यही सोच आगे चलकर श्रीराम ग्रुप की बुनियाद बनी, जो आज देश के करोड़ों लोगों को वित्तीय सेवाएं दे रहे हैं।
6,210 करोड़ रुपये ट्रस्ट को दान किया
व्यवसायिक सफलता के बावजूद त्यागराजन का झुकाव हमेशा समाजसेवा की ओर रहा। उन्होंने एक बार अपनी हिस्सेदारी बेचकर करीब 6,210 करोड़ रुपये (750 मिलियन डॉलर) प्राप्त किए और यह पूरी राशि एक ट्रस्ट को दान कर दी, ताकि यह धन समाज के कल्याण में उपयोग हो सके। यह कदम उन्हें भारत के सबसे बड़े परोपकारी उद्योगपतियों में शामिल करता है।
6 लाख रुपये की कार चलाते हैं त्यागराजन
उनकी निजी जिंदगी भी उतनी ही सादी है। वे एक सामान्य घर में रहते हैं, करीब 6 लाख रुपये की कार चलाते हैं और आज के डिजिटल दौर में भी मोबाइल फोन नहीं रखते। उनका मानना है कि असली संपत्ति प्रभाव और उद्देश्य में होती है, न कि व्यक्तिगत विलासिता में।
श्री राम फाइनेंस का मार्केट कैप 1.69 लाख करोड़ रुपये
श्री राम फाइनेंस ग्रुप की लिस्टेड कंपनी है। इसका मार्केट कैप 1.69 लाख करोड़ रुपये है। आज ही श्रीराम फाइनेंस (Shriram Finance Share) के बोर्ड ने जापान स्थित एमयूएफजी बैंक (MUFG) को 39,618 करोड़ रुपये (करीब 4.4 अरब अमेरिकी डॉलर) के निवेश पर 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दी है।
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संपन्न किसान परिवार में हुआ जन्म
तमिलनाडु राज्य के एक संपन्न किसान परिवार में नौकरों के बीच पले-बढ़े व्यक्ति के लिए समाजवाद से प्रेरित ऋण देने वाली कंपनी की स्थापना करना एक अप्रत्याशित करियर विकल्प लग सकता है। लेकिन त्यागराजन का कहना है कि उनका दिमाग हमेशा से विश्लेषणात्मक और समतावादी रहा है।
उन्होंने चेन्नई में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर गणित की पढ़ाई की, जिसके बाद उन्होंने कोलकाता के प्रतिष्ठित भारतीय सांख्यिकी संस्थान में तीन साल बिताए।
1961 में, उन्होंने भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनियों में से एक, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी में काम करना शुरू किया और वित्त क्षेत्र में एक कर्मचारी के रूप में दो दशकों तक काम किया। इसमें क्षेत्रीय ऋणदाता, वैश्य बैंक और पुनर्बीमा ब्रोकर, जेबी बोडा एंड कंपनी में काम करना शामिल था।
श्रीराम ग्रुप के बारे में बिजनेस
आज श्रीराम ग्रुप (Shriram Group) देशभर में 3,600 शाखाओं, 70,000 कर्मचारियों और 1.4 लाख एजेंटों के साथ काम कर रहा है। ग्रुप के पास 11 मिलियन से अधिक ग्राहक हैं और इसका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये है।

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