डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से भागे भारतीय डिफेंस शेयर, टैंक से लेकर मिसाइल बनाने वाली कंपनियों के स्टॉक में उछाल
Indian Defence Stocks: दुनिया के सबसे बड़े सैन्य संगठन NATO ने अपना रक्षा खर्च बढ़ाने का फैसला किया है। नाटो के इस बयान के जारी होने के बाद आज हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी भारतीय डिफेंस कंपनियों के शेयरों में तेज खरीदारी देखी गई। वित्त वर्ष 2016 से भारत से होने वाले डिफेंस एक्सपोर्ट में 13 गुना वृद्धि हुई है।
नई दिल्ली। दो दिन की मुनाफावसूली के बाद भारतीय डिफेंस कंपनियों के शेयरों में फिर से तेजी देखने को मिल रही है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और भारत डायनेमिक्स समेत कुछ अन्य शेयर तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं। बिकवाली के बाद इन डिफेंस शेयरों में अचानक तेजी की वजह बना नाटो (NATO) का एक बड़ा फैसला है।
दरअसल, दुनिया के सबसे बड़े सैन्य संगठन NATO ने अपना रक्षा खर्च बढ़ाने का फैसला किया है। इस वजह से भारतीय डिफेंस कंपनियों के शेयरों में यह तेजी देखने को मिली है। पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के स्वदेशी हथियारों ने बेहतर सटीकता के साथ प्रदर्शन किया था, इसलिए दुनियाभर में भारतीय रक्षा उपकरणों की मांग बढ़ने लगी है।
ट्रंप के दबाव में NATO ने लिया फैसला
नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) के सहयोगियों देशों ने 2035 तक अपने रक्षा खर्च को जीडीपी के 5 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बनाई है। नाटो ने यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कड़े दबाव के बाद लिया है। एक बयान में इस सैन्य संगठन के 32 सदस्यों ने कहा, "मित्र देश 2035 तक मुख्य रक्षा आवश्यकताओं के साथ-साथ रक्षा और सुरक्षा संबंधी खर्च पर हर साल जीडीपी का 5 प्रतिशत निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि हमारे व्यक्तिगत और सामूहिक दायित्व सुनिश्चित हो सकें।"
तेजी से बढ़ रहा भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट
नाटो के इस बयान के जारी होने के बाद आज हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी भारतीय डिफेंस कंपनियों के शेयरों में तेज खरीदारी देखी गई। इसके चलते डिफेंस इंडेक्सएक प्रतिशत तक चढ़ गया। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स, डीसीएक्स सिस्टम्स और भारत डायनेमिक्स के शेयर भी तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं।
बता दें कि वित्त वर्ष 2016 से भारत से होने वाले डिफेंस एक्सपोर्ट में 13 गुना वृद्धि हुई है। इनक्रेड इक्विटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 से 2023-24 तक निर्यात में 32.5 प्रतिशत की वृद्धि के आधार पर, 2028-29 तक डिफेंस एक्सपोर्ट 5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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