Indian Railway ने बिना मंजूरी दौड़ा दी ट्रेन, CAG की रिपोर्ट में खुलासा; जानें कैसे हुआ ₹573 करोड़ का घाटा!
Indian Railways CAG Audit भारतीय रेलवे को अपनी ही लापरवाही और सिस्टम की कमजोरियों के चलते 573 करोड़ रुपए का बड़ा घाटा हुआ है। इतना ही नहीं रेलवे ने पैसेंजर्स की सुरक्षा के साथ भी समझौता किया। इस बात का खुलासा CAG की रिपोर्ट में हुआ है। जिसे 21 जुलाई को संसद में पेश किया गया।

नई दिल्ली| Indian Railways CAG Audit : भारतीय रेलवे को अपनी ही लापरवाही और सिस्टम की कमजोरियों के चलते 573 करोड़ रुपए का बड़ा घाटा उठाना पड़ा। इतना ही नहीं रेलवे ने पैसेंजर्स की सुरक्षा के साथ भी समझौता किया। इस बात का खुलासा CAG (Comptroller and Auditor General of India) की रिपोर्ट में हुआ है।
सोमवार, 21 जुलाई को संसद में सीएजी यानी कैग की ऑडिट रिपोर्ट (CAG Audit Report) पेश की गई। जिसके मुताबिक, जुलाई 2023 में दक्षिण रेलवे ने मेट्टूपालयम से उदगमंडलम के बीच चलने वाली नीलगिरि माउंटेन रेल (NMR) के लिए नए कोचों को पटरियों पर उतारा। ये कोच खासतौर पर NMR रूट के लिए ही तैयार किए गए थे।
लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इन कोचों की ना तो पूरी तरह टेस्टिंग की गई थी और ना ही रेलवे बोर्ड से कोई आधिकारिक तौर पर मंजूरी ली गई थी। यह मामला ना सिर्फ 27.91 करोड़ रुपए के वित्तीय नुकसान से जुड़ा है, बल्कि रेलवे प्रशासन की लापरवाही और ढीले प्रशासनिक रवैये को भी दर्शाता है।
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₹573 करोड़ रुपए नुकसान की पांच बड़ी वजहें
भारतीय रेलवे को ये घाटा ज्यादातर ऑपरेशनल लापरवाही, राजस्व वसूली में चूक और संपत्तियों के सही उपयोग ना होने से हुआ। कुछ ज़ोन ने जमीन का किराया नहीं वसूला तो कहीं शंटिंग चार्ज माफ कर दिए गए। वहीं, कुछ खराब योजनाओं के चलते ट्रेनें घाटे में चल रही हैं। साथ ही, लाइसेंस रिन्यू ना करने जैसी गलतियों से जुर्माना भी लगा, जिसके चलते रेलवे को 573 करोड़ रुपए का भारी नुकसान उठाना पड़ा।
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जमीन का किराया वसूलने में चूक- 148.61 करोड़ का नुकसान
दक्षिण रेलवे ने रेलवे की जमीन पर चल रहे 5 सरकारी स्कूलों से पूरा किराया नहीं वसूला। रेलवे ने बोर्ड की गाइडलाइन को ताक पर रखकर सिर्फ आंशिक किराया ही लिया।
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DMF राशि नहीं वसूली- 55.51 करोड़ रुपए का नुकसान
9 ज़ोनल रेलवे ने अपने ठेकेदारों से माइनिंग के लिए DMF (District Mineral Foundation) में जमा होने वाली राशि नहीं वसूली, जिसने सीधा सरकारी फंड को नुकसान पहुंचाया।
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शंटिंग चार्ज नहीं लिए- 50.77 करोड़ रुपए का नुकसान
पूर्व मध्य रेलवे ने मध्य प्रदेश के Bina Siding पर निजी फर्म से शंटिंग चार्ज नहीं वसूले।
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लाइसेंस रिन्यू में देरी- 23.16 करोड़ रुपए का नुकसान
दक्षिण मध्य रेलवे ने VHF रेडियो लाइसेंस समय पर रिन्यू नहीं किया, जिसकी वजह से उसे भारी जुर्माना भरना पड़ा।
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घाटे में चल रही ट्रेनें- 17.47 करोड़ रुपए का नुकसान
दक्षिण पश्चिम रेलवे की बेंगलुरु-सत्य साई प्रसांति निलयम एक्सप्रेस ट्रेन को यात्री नहीं मिल पा रहे, लिहाजा रेलवे को लगातार घाटा उठाना पड़ रहा है।
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अधूरे पड़े टर्मिनल से भी नुकसान
इसके अलावा न्यू जलपाईगुड़ी में ट्रिप शेड और New Garia टर्मिनल अधूरे पड़े हैं, जिससे 17 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ। साथ ही, 5 साल से एक रोड-ओवर-ब्रिज का काम अधूरा पड़ा है। जिसके चलते 11.81 करोड़ रुपए की फंडिंग ब्लॉक हो गई है।
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