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    IMF से आर्थिक पैकेज पाने के लिए पाकिस्तान ने बढ़ाया टैक्स, सातवें आसमान पर पहुंचा जनता का गुस्सा

    By Agency Edited By: Suneel Kumar
    Updated: Mon, 17 Jun 2024 07:12 PM (IST)

    पाकिस्तान सरकार ने बजट में 1 जुलाई से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए 13 ट्रिलियन रुपये (47 अरब डॉलर) का राजस्व जुटाने का मुश्किल लक्ष्य है। यह पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी अधिक है। इसमें प्रत्यक्ष करों में 48 प्रतिशत और अप्रत्यक्ष करों में 35 प्रतिशत की वृद्धि शामिल है। इससे पाकिस्तानी अवाम की हताशा और निराशा चरम पर पहुंच गई है।

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    पाकिस्तान की गठबंधन सरकार में भी महंगाई को लेकर असंतोष फैल रहा है।

    एएनआई, नई दिल्ली। पाकिस्तान में सरकार ने अपना राजस्व बढ़ाने के लिए टैक्स में बड़ा इजाफा किया है। इसका मकसद पाकिस्तान को आर्थिक संकट से बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से एक और पैकेज हासिल करना है। लेकिन, टैक्स बढ़ाने से आम जनता का गुस्सा उफान पर पहुंच गया, जो पहले ही भीषण महंगाई से जूझ रही है।

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    दरअसल, आम जनता को उम्मीद थी कि सरकार अब कई महीनों उन्हें कुछ राहत दे सकती है। लेकिन सरकार ने उलटे उनका वित्तीय बोझ और बढ़ा दिया। इससे पाकिस्तानी अवाम की हताशा और निराशा चरम पर पहुंच गई है।

    क्या कह रही पाकिस्तानी जनता

    कराची की शाइस्ता का कहना है, "सरकार हमारे टैक्स पर हद से ज्यादा निर्भर है। वह माचिस जैसी छोटी-छोटी चीजों पर टैक्स बढ़ा रही है। टैक्स देते-देते हमारी कमर टूट गई है। अब हम बेबस और लाचार महसूस कर रहे हैं। हमारे लिए अपना पेट पालना भी मुश्किल हो गया है।'

    पाकिस्तान सरकार ने बजट में 1 जुलाई से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए 13 ट्रिलियन रुपये (47 अरब डॉलर) का राजस्व जुटाने का मुश्किल लक्ष्य है। यह पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी अधिक है। इसमें प्रत्यक्ष करों में 48 प्रतिशत और अप्रत्यक्ष करों में 35 प्रतिशत की वृद्धि शामिल है। पेट्रोलियम टैक्स जैसे गैर-कर राजस्व में 64 प्रतिशत की वृद्धि होने की आशंका है।

    कराची के ही फारूक का कहना है, "जब हम जैसे वेतनभोगी लोग करों के बोझ तले दबे हुए हैं, तो इसे 'जन-हितैषी' बजट कहना मुश्किल है। हम पहले से ही कई टैक्स दे कर रहे थे। बिजली बिल, गैस बिल और कई अन्य डायरेक्ट-इनडायरेक्ट टैक्स लगातार बढ़ाए जा रहे हैं। अब वेतनभोगियों के लिए खर्च चलाना मुश्किल हो गया है, गरीब जनता की बात ही छोड़ दीजिए।"

    क्या सरकार बढ़ेगा राजस्व?

    पाकिस्तान सरकार राजस्व बढ़ाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है, लेकिन उसके लिए टैक्स बढ़ाने जैसे नए 'आर्थिक सुधारों' को लागू कर पाना मुश्किल होगा। गठबंधन की सियासत के साथ बढ़ती महंगाई के खिलाफ जनता का विरोध भी काफी मुखर हो रहा है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार की सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी पहले ही बजट के कुछ पहलुओं पर असंतोष जता चुकी है।

    शरीफ प्रशासन की चुनौती जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान बढ़ा रहे हैं, जिनकी लोकप्रियता दिन ब दिन बढ़ रही है। इमरान खान की पार्टी के सांसदों ने बजट पेश करने के दौरान जोरदार विरोध किया। उनकी आपत्ति खासतौर पर टैक्स बढ़ाने के खिलाफ थी।

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