देशभर में हजारों प्रॉपर्टी सौदों की जांच, IT विभाग खंगाल रहा रिकॉर्ड, कानपुर-लखनऊ समेत 5 शहरों से हो गई शुरुआत
टैक्स अधिकारी ऐसी हज़ारों प्रॉपर्टी डील की जांच कर रहे हैं, जिनमें जानबूझकर खरीदार-विक्रेता द्वारा लेन-देन के लिए गलत पैन कार्ड नंबर दिए गए हैं। इस कदम का उद्देश्य बेनामी लेनदेन और बेहिसाब संपत्ति पर अंकुश लगाना है। कर अधिकारियों ने वाराणसी, लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर और भोपाल जैसे शहरों के रजिस्ट्रारों के साथ संपत्ति सौदों के रिकॉर्ड की जाँच की है।

प्रॉपर्टी से जुड़े फर्जी लेन-देन पर टैक्स विभाग की नजर है।
नई दिल्ली। देश भर में इनकम टैक्स के अधिकारी ऐसी हज़ारों प्रॉपर्टी डील की जांच कर रहे हैं, जिनमें जानबूझकर खरीदार-विक्रेता द्वारा लेन-देन के लिए गलत पैन कार्ड नंबर (Fake PAN Card) दिए गए हैं। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में अधिकारी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार के रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं। दरअसल, संपत्ति के दस्तावेज़ों में खरीदारों और विक्रेताओं के फर्जी या भ्रामक स्थायी खाता संख्या (PAN) के कारण कई ट्रांजेक्शन आयकर विभाग की नज़र से बच गए हैं, और इन्हीं फर्जी लेन-देन पर टैक्स विभाग की नजर है।
इस कदम का उद्देश्य बेनामी लेनदेन और बेहिसाब संपत्ति पर अंकुश लगाना है। दरअसल, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार को ₹30 लाख या उससे अधिक मूल्य की संपत्तियों की खरीद और बिक्री का विवरण देना आवश्यक है। लेकिन, देश में ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां संबंधित पक्ष ने रजिस्ट्रार कार्यालयों के कुछ अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके, यह सुनिश्चित किया कि ऐसे प्रॉपर्टी सौदे रिपोर्ट न किए जाएं या गलत पैन या नाम के साथ दर्ज किए जाएं, जिससे उनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
देशव्यापी कैंपेन की शुरुआत
इस साल की शुरुआत में आयकर विभाग ने उन व्यक्तियों और संस्थाओं की पहचान के लिए एक राष्ट्रव्यापी जांच की, जिन्होंने बिना ज़मीन के ₹50 लाख या उससे अधिक की कृषि आय दिखाई है। साथ ही, इसने ₹5 लाख या उससे अधिक प्रति एकड़ की बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई कृषि आय के मामलों की भी जाँच की, जहाँ ऐसी घोषणाएँ सामान्य रुझानों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आँकड़ों से मेल नहीं खाती थीं। सूत्रों के अनुसार, कर अधिकारियों ने वाराणसी, लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर और भोपाल जैसे शहरों के रजिस्ट्रारों के साथ संपत्ति सौदों के रिकॉर्ड की जाँच की है।
टैक्स विभाग का यह कदम बेनामी लेनदेन और बेहिसाब संपत्ति पर अंकुश लगाने के लिए एक व्यापक और रणनीतिक राष्ट्रव्यापी प्रयास का हिस्सा माना जा रहा है। हाई वैल्यू रियल एस्टेट ट्रांजेक्शन लंबे समय से काले धन को ठिकाने लगाने के तौर पर इस्तेमाल किए जाते रहे हैं, जिसे अक्सर प्रॉक्सी या शेल संस्थाओं के माध्यम से छुपाया जाता है। यह कदम नकली या गलत पैन या आधार के इस्तेमाल को खत्म करने में मदद कर सकता है।
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