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    IPO Allotment: हर किसी को क्यों नहीं मिलता है आईपीओ के स्टॉक, जानिए किन नियमों को फॉलो करके होता है शेयर अलॉटमेंट

    By Priyanka KumariEdited By: Priyanka Kumari
    Updated: Wed, 24 Jan 2024 08:40 AM (IST)

    शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आईपीओ भी एक बहुत अच्छा ऑप्शन है। हालांकि आईपीओ में निवेश करना तब सही होता है जब निवेशकों को शेयर अलॉट होता है। दरअसल कई बार आपने सुना होगा कि आईपीओ 2 गुना सब्सक्राइब हो गया है। ऐसे में सभी निवेशकों को शेयर नहीं मिलता है। चलिए जानते हैं कि शेयर अलॉट कैसे होता है।

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    हर किसी को क्यों नहीं मिलता है आईपीओ के स्टॉक

    बिजनेस डेस्क,नई दिल्ली। स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाले निवेशक डायरेक्ट शेयर खरीद सकते हैं। इसके अलावा वह आईपीओ (IPO) में भी निवेश कर सकते हैं। हालांकि, आईपीओ में निवेश करना तब सही रहता है जब निवेशक को शेयर अलॉट होता है।

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    आपको बता दें कि शेयर बाजार में लिस्ट होने से पहले कंपनी निवेशकों के लिए अपना आईपीओ खोलती है।

    ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल आता है कि आखिर कई बार आईपीओ में निवेश करने के बाद भी शेयर क्यों नहीं मिलता है? चलिए, आज हम आपको बताते हैं कि आईपीओ अलॉटमेंट का प्रोसेस और नियम क्या है?

    यह भी पढ़ें- Share Allotment क्या होता है, IPO में शेयर खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

    आईपीओ अलॉटमेंट के नियम

    आईपीओ में निवेश करने से पहले हमें आईपीओ अलॉटमेंट (IPO Allotment) के नियम को समझना चाहिए। जब भी कोई अच्छी कंपनी आईपीओ खोलती हो तो अक्सर वह ओवरसब्सक्राइब हो जाता है।

    बता दें कि ओवरसब्सक्राइब का मतलब होता है कि उस आईपीओ में कई गुना ज्यादा निवेशकों ने आवेदन दिया है। इस वजह से सभी निवेशकों को शेयर अलॉट नहीं होता है।

    सेबी (SEBI) के नियम के अनुसार एक आईपीओ में रिटेल निवेशक (Retail Investor) केवल 2 लाख रुपये तक की बोली लगा सकता है। हालांकि, इसके लिए निवेशक न्यूनतम बोली होना जरूरी है। इसे ऐसे समझिए कि अगर कोई आईपीओ का लॉट साइ 15 शेयर का है तो निवेशक को कम से कम 15 शेयर के लिए बोली लगानी होगी।

    अगर कोई आईपीओ में जितने शेयर ऑफर किये जाते हैं उतना ही आवेदन मिलता है तब सभी निवेशक को शेयर अलॉट किया जाता है।

    जब भी आईपीओ ओवरसबस्क्राइब होता है तो ऐसी स्थिति में रिटेल निवेशकों को शेयर अलॉट किये जाते हैं। ऐसे में शेयरों की संख्या, अलॉटमेंट के लिए उपलब्ध इक्विटी शेयर्स की संख्या से विभाजित करके निकाली जाती है।

    अगर निवेशक कम बोली लगाते हैं तो उनको नुकसान हो सकता है यानी कि शेयर अलॉटमेंट होने की उम्मीद कम हो जाती है। इस वजह से एक्सपर्ट भी सलाह देते हैं कि अच्छी कंपनी के आईपीओ में ज्यादा से ज्यादा बोली लगानी चाहिए।

    अलॉमेंट का प्रोसेस

    शेयर अलॉट करने के लिए लकी ड्रॉ का भी इस्तेमाल किया जाता है। कई निवेशक अपने परिजनों के नाम पर भी बोली लगाते हैं। ऐसे में शेयर अलॉटमेंट की संभावना बढ़ जाती है।

    वैसे शेयर मार्केट में निवेश करने या आईपीओ पर बोली लगाने के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) का होना अनिवार्य है। इस डिजिटल युग में अब कम्प्यूटरीकृत ड्रा के जरिये शेयर अलॉट किया जाता है।

    यह भी पढ़ें- Understanding IPO: शेयर बाजार में लिस्ट होने के लिए कंपनी लाती हैं आईपीओ? जानिए इसमें कैसे किया जाता है निवेश