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    प्रधानमंत्री ने सरकारी कंपनियों के निजीकरण पर दिया जोर, कहा- सरकार का काम नहीं है बिजनेस करना

    By Pawan JayaswalEdited By:
    Updated: Thu, 25 Feb 2021 11:22 AM (IST)

    पीएम ने कहा सरकार जिस मंत्र को लेकर आगे बढ़ रही है वो है मोनेटाइज और मॉर्डनाइज। जब सरकार मोनेटाइज करती है तो उस स्थान को देश का प्राइवेट सेक्टर भरता है। प्राइवेट सेक्टर अपने साथ निवेश भी लाता है और वैश्विक स्तर की बेहतर प्रैक्टिस को भी लाता है।

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी p c : ani

    नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार का बिजनेस यह नहीं है कि वह बिजनेस में रहे। पीएम ने कहा कि उनका प्रशासन चार रणनीतिक क्षेत्रों में कुछ को छोड़कर सभी सरकारी कंपनियों का निजीकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम ने कहा, 'यह सरकार का कर्तव्य है कि वह उद्योगों और कारोबारों का सहयोग करे, लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि सरकार खुद कारोबार का स्वामित्व अपने पास रखे और उसे चलाए।'

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    प्रधानमंत्री निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) द्वारा निजीकरण विषय पर आयोजित एक वेबिनार में बोल रहे थे। यहां पीएम ने कहा, 'हमारी सरकार का प्रयास लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के साथ ही लोगों के जीवन में सरकार के बेवजह के दखल को भी कम करना है। यानि जीवन में ना सरकार का अभाव हो, ना सरकार का प्रभाव हो।'

    पीएम ने कहा, 'सरकार जिस मंत्र को लेकर आगे बढ़ रही है, वो है मोनेटाइज और मॉर्डनाइज। जब सरकार मोनेटाइज करती है, तो उस स्थान को देश का प्राइवेट सेक्टर भरता है। प्राइवेट सेक्टर अपने साथ निवेश भी लाता है और वैश्विक स्तर की बेहतर प्रैक्टिस को भी लाता है। इससे चीजें और मॉर्डनाइज होती हैं, पूरे सेक्टर में आधुनिकता आती है, सेक्टर का तेजी से विस्तार होता है और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होते हैं।'

    पीएम ने कहा, 'बीते वर्षों में हमारी सरकार ने भारत को कारोबार के लिए एक अहम स्थान बनाने के लिए निरंतर सुधार किए हैं। आज भारत वन मार्केट-वन टैक्स सिस्टम से युक्त है। आज भारत में कंपनियों के लिए एंट्री और एग्जिट के लिए बेहतरीन माध्यम उपलब्ध हैं। ये पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रहे, नियमों के तहत रहे, इसके लिए मॉनीटर करना भी उतना ही आवश्यक है।'

    पीएम ने कहा, 'एफडीआई के लिए सहज माहौल और PLI जैसे प्रोत्साहन के कारण, आज निवेशकों में भारत के प्रति उत्साह और बढ़ा है। यह बीते कुछ महीनों में हुए रिकॉर्ड एफडीआई निवेश में स्पष्ट रुप से दिखता भी है।'