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    देशभर में 7.71 लाख घरों का इलेक्ट्रिसिटी बिल आय जीरो, सरकार की इस मुफ्त बिजली योजना का मिला फायदा

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 07:37 PM (IST)

    संसद में सरकार ने बताया है कि पीएम सूर्य घर - मुफ्त बिजली योजना के तहत अब तक देश के 7.71 लाख घरों का बिजली बिल पूरी तरह शून्य हो चुका है। केंद्रीय मंत ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद में सौर ऊर्जा, किसान सशक्तिकरण और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की प्रगति का विस्तृत ब्यौरा पेश किया है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि पीएम सूर्य घर - मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) के तहत अब तक देश के 7.71 लाख घरों का बिजली बिल पूरी तरह शून्य हो चुका है। यह लाभ उन 24.35 लाख परिवारों में से है, जिन्हें इस योजना के तहत सोलर रूफटाप सिस्टम का फायदा मिला है।

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    नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाइक ने राज्यसभा में लिखित जवाब में बताया कि नौ दिसंबर 2025 तक देशभर में 19.45 लाख से अधिक रूफटाप सोलर सिस्टम लगाए जा चुके हैं। सरकार ने यह योजना फरवरी 2024 में शुरू की थी, जिसका लक्ष्य 2026-27 तक एक करोड़ घरों में सोलर रूफ टाप सिस्टम लगाना है। इसके लिए कुल 75,021 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

    क्या है पीएम सूर्य घर योजना

    पीएम सूर्य घर योजना, केंद्र सरकार की एक खास स्कीम है, जिसका मकसद 1 करोड़ घरों की छत पर सौर पैनल लगाना है, साथ ही उन्हें हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देना है, जिसमें सरकार सब्सिडी (₹1.08 लाख तक) देती है। इसके अलावा, अतिरिक्त बिजली बेचकर कमाई का मौका भी मिलता है। इसका फायदा यह होता है कि बिजली बिल में भारी बचत होती है और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलता है।

    पीएम-कुसुम योजना पर भी दिया अपडेट

    इसी दौरान सरकार ने यह भी बताया कि पीएम-कुसुम योजना के तहत 20.42 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हो चुके हैं। इस योजना के जरिए किसान सिर्फ अन्नदाता ही नहीं, बल्कि ऊर्जादाता भी बन रहे हैं। योजना के तहत तहत वे अपनी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र और ¨सचाई पंप स्थापित कर सकते हैं। श्रीपाद येसो नाइक ने बताया कि पीएम-कुसुम एक मांग-आधारित योजना है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त मांग और प्रगति के आधार पर क्षमता और निधि आवंटित की जाती है।

    50 लाख मीट्रिक टन उत्पादन की संभावना

    भारत की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता 2030 तक 50 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष तक पहुंचने की संभावना है। श्रीपाद येसो नाइक ने बताया कि राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) का उद्देश्य भारत को हरित हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्न उत्पादों के उत्पादन, उपयोग और निर्यात का वैश्विक केंद्र बनाना है।

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    मंत्री ने हरित हाइड्रोजन की लागत को कम करने के लिए एनजीएचएम के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन योजनाओं और विनिर्माण पहलों की भी सूची दी। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोलाइट मैन्युफैक्चरिंग के लिए 15 कंपनियों को 3,000 मेगावाट वार्षिक क्षमता आवंटित की गई है, जिन पर 4,440 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया गया है।

    (एजेंसी इनपुट के साथ)

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