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    भारत में इन जापानी कंपनियों की धाक! कोई कार-बुलेट ट्रेन तो कोई भारतीय स्टॉर्टअप में निवेश से कर रहा कमाई

    भारत और जापान के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं खासकर आर्थिक क्षेत्र में। जापानी कंपनियां भारत में ऑटोमोबाइल हाई-स्पीड रेल और डिजिटल टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में भारी निवेश कर रही हैं।टोयोटा सॉफ्टबैंक और डाइकिन जैसी बड़ी कंपनियों ने भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है। शिंकान्सेन टेक्नोलॉजी से भारत की पहली बुलेट ट्रेन भी बन रही है।

    By Ashish Kushwaha Edited By: Ashish Kushwaha Updated: Thu, 28 Aug 2025 06:47 PM (IST)
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    भारत-जापान साझेदारी का सबसे बड़ा प्रतीक मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट है।

     नई दिल्ली| भारत और जापान के रिश्ते नए दौर में प्रवेश कर रहे हैं। इस समय प्रधानमंत्री मोदी का जापान दौरा चर्चा में है। जापानी कंपनियां भारत में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं। ऑटोमोबाइल से लेकर हाई-स्पीड रेल, डिजिटल टेक्नोलॉजी से लेकर स्टील और एयर कंडीशनर तक लगभग हर सेक्टर में जापान की मौजूदगी मजबूत हो रही है। 2022 से जापानी कंपनियों ने भारत में लगभग 3.8 ट्रिलियन येन (26 अरब डॉलर) का निवेश किया है जो यह 2027 तक तय किए गए 5 ट्रिलियन येन लक्ष्य के करीब पहुँच चुका है।

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    टॉप जापानी कंपनियाँ जिनकी भारत में मजबूत मौजूदगी

    1. टोयोटा किरलोस्कर मोटर

    टोयोटा किरलोस्कर मोटर ने ₹3,748 करोड़ का निवेश किया है। इसका फोकस हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन, सालाना 2 लाख से अधिक गाड़ियां बनाने का लक्ष्य है।

    2. सॉफ्टबैंक

    सॉफ्टबैंक ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण निवेश किया है और 2018 से अब तक लगभग 30 कंपनियों में 11 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है, जिनमें फ्लिपकार्ट, ओला, पेटीएम और ओयो जैसी बड़ी कंपनियाँ शामिल हैं। हालाँकि, जापानी निवेशक ने पेटीएम और डेल्हीवरी जैसी कई कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच दी है, और अब वह पूंजी दक्षता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और 2024 में निवेश फिर से शुरू कर रहा है।

    3. डाइकिन इंडस्ट्रीज

    डाइकिन ने भारत में अपने निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि की है, और हाल ही में सितंबर 2024 में अपनी भारतीय सहायक कंपनी की विनिर्माण क्षमता और स्थानीय कलपुर्जों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ₹1,400 करोड़ की पूंजी निवेश किया है। यह अब तक का उसका सबसे बड़ा निवेश है, जिसका टारगेट 2030 तक भारत का सबसे बड़ा विनिर्माण केंद्र और वैश्विक निर्यात केंद्र बनना है।

    4. मिजुहो फाइनेंशियल ग्रुप

    मिजुहो फाइनेंशियल ग्रुप भारत में अपने निवेश बढ़ा रहा है। निवेश बैंक एवेंडस कैपिटल के 70 करोड़ डॉलर के अधिग्रहण और डिजिटल ऋणदाता क्रेडिट सेसन इंडिया में 16 करोड़ डॉलर के निवेश के साथ बड़ा भागीदार बन रहा है। ये कदम, साथ ही भारत में अपनी बैंक शाखाओं में 50 करोड़ डॉलर का पूंजी निवेश और इन्वेस्ट इंडिया के साथ एक समझौता, भारत को एक प्रमुख विकासशील बाजार के रूप में देखते हुए मिजुहो के रणनीतिक फोकस को रेखांकित करते हैं।

    कंपनी सेक्टर
    सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन (मारुति सुजुकी इंडिया) ऑटोमोटिव
    टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन ऑटोमोटिव
    होंडा मोटर कंपनी, लिमिटेड ऑटोमोटिव (दो-पहिया और कारें)
    सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प प्रौद्योगिकी और वेंचर कैपिटल
    निप्पॉन स्टील कॉर्पोरेशन स्टील विनिर्माण
    हिताची, लिमिटेड प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, बुनियादी ढांचा
    सोनी ग्रुप कॉर्पोरेशन इलेक्ट्रॉनिक्स और मनोरंजन
    मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज, लिमिटेड बुनियादी ढांचा, ऊर्जा, भारी मशीनरी
    सुमितोमो कॉर्पोरेशन व्यापार, बुनियादी ढांचा, रसायन
    निसान मोटर कंपनी, लिमिटेड ऑटोमोटिव

    5. शिंकान्सेन टेक्नोलॉजी: भारत की पहली बुलेट ट्रेन बनाने का काम

    भारत-जापान साझेदारी का सबसे बड़ा प्रतीक मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट है। इसकी लंबाई 508 किमी है। वहीं स्पीड 300 किमी/घंटा से अधिक होगी जिसकी मदद से मुंबई-अहमदाबाद की यात्रा सिर्फ 2 घंटे में होगी। इसमें ₹1.08 लाख करोड़ का निवेश होगी, जिसमें से 81% (₹88,000 करोड़) जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) फंड कर रही है। इसमें टेक्नोलॉजी पार्टनर कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज, हिताची, तोशिबा होगी।