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    बंद होंगे 11 करोड़ जन-धन खाते! पर क्यों, फटाफट चेक करो, कहीं इनमें आपका अकाउंट भी तो नहीं?

    PM Jan Dhan Yojna केंद्र सरकार ने सरकारी बैंकों को सलाह दी है कि जो खाते पीएम जन-धन योजना के तहत खोले गए हैं और लंबे समय से इन-एक्टिव हैं उन्हें बंद कर दिया जाए। सरकार को जानकारी मिली है कि ऐसे खातों का इस्तेमाल फर्जीवाड़ा व मनी लॉन्ड्रिंग के लिए हो रहा है। 10 साल में कुल 55.7 करोड़ खाते खुल चुके हैं जिनमें से 11 करोड़ इन-एक्टिव हैं।

    By Ankit Katiyar Edited By: Ankit Katiyar Updated: Mon, 07 Jul 2025 01:50 PM (IST)
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    55.7 करोड़ में से 31 करोड़ खाताधारक महिलाएं हैं।

    नई दिल्ली|  PM Jan Dhan Yojana : अगर आप जन-धन अकाउंट होल्डर हैं, तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल, केंद्र सरकार ने सरकारी बैंकों को सलाह दी है कि जो खाते पीएम जन-धन योजना (PM Jan Dhan Yojna) के तहत खोले गए हैं और लंबे समय से इस्तेमाल नहीं हो रहे हैं, उन्हें बंद कर दिया जाए। सरकार को जानकारी मिली है कि कई इन-एक्विट जन-धन खातों का इस्तेमाल "म्यूल अकाउंट" यानी दूसरों के गलत पैसे रखने या भेजने के रूप में हो रहा है। यानी इनका इस्तेमाल फर्जीवाड़ा और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा है। इससे साइबर फ्रॉड और धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। सरकार ने उन सभी खातों (Pmjdy) को बंद करने का निर्देश दिया है, जिनमें पिछले 24 महीनों में कोई लेन-देन नहीं हुआ है।

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    क्या होगा फायदा?

    यह कदम बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा को मजबूत करेगा। धोखाधड़ी की घटनाओं को घटाएगा और सरकारी खर्चा भी बचाएगा। क्योंकि, निष्क्रिय खातों की निगरानी पर पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा। सरकार चाहती है कि केवल उन्हीं खातों को चालू रखा जाए, जिनका सही इस्तेमाल हो रहा है। इससे फर्जीवाड़ा रुकेगा और सिस्टम साफ होगा। हालांकि खातों को बंद करना एक संवेदनशील कदम है, इसलिए सभी जरूरी सावधानियां बरती जाएंगी।

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    FY25 में कितनी धोखाधड़ी?

    FY25 की शुरुआत से अब तक 13,516 फ्रॉड केस डिजिटल ट्रांजैक्शन से जुड़े पाए गए। अकेले SBI में पिछले 5 साल में 147 करोड़ रुपए की ग्राहकों की राशि साइबर फ्रॉड में चली गई।

    अब तक कितने अकाउंट खुल चुके?

    • साल 2014 से अब तक कुल 55.7 करोड़ जनधन खाते खुल चुके, जिनमें 2.3 लाख करोड़ रुपए जमा हैं।
    • इनमें से 31 करोड़ खाताधारक महिलाएं हैं।
    • दिसंबर 2024 तक कुल खातों में से 11.3 करोड़ खाते (23%) इन-एक्टिव थे, जिन्हें बंद किया जाएगा।

    किन खातों पर असर?

    • 11.3 करोड़ खातों में से ज्यादातर इनएक्टिव अकाउंट ग्रामीण इलाकों के हैं।
    • इनमें से कई खातों का कभी भी नियमित रूप से इस्तेमाल नहीं हुआ।
    • जिन खातों को दोबारा चालू नहीं किया गया, उन्हें सुरक्षित ढंग से बंद किया जाएगा।

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    इसका क्या असर?

    ग्रामीण व अर्ध‑शहरी इलाकों के कई खाताधारक जान‑बूझकर खाते इस्तेमाल नहीं करते, ऐसे में उनके खाते बंद होंगे। जिनके खाते बंद होंगे, वे सीधे DBT, पेंशन या बीमा जैसी सुविधाएं लेकर प्रभावित हो सकते हैं। लेकिन दूसरी ओर, धोखाधड़ी या साइबर मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल हो रहे नकली खातों का खतरा कम होगा।

    अब बैंक क्या कर रहे? 

    सरकार के निर्देश के बाद बैंक ऐसे खातों को बंद करने से पहले उन्हें फिर से चालू करने (re-KYC) करने की प्रक्रिया चला रहे हैं। इसमें ग्राहकों से उनके खातों को फिर चालू करने को कहा जा रहा है। यानी अगर आपका अकाउंट भी 24 महीने से निष्क्रिय है तो आप KYR (नो योर कस्टमर) करवाकर उसे एक्टिवेट करा सकते हैं। लेकिन अगर आप अपना खाता दोबारा चालू नहीं करना चाहते, तो खाता बंद कर दिया जाएगा।

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