रिटायरमेंट से पहले ही मिल जाएंगे PF के पैसे, इन परिस्थितयों में हो सकती है निकासी
PF withdrawal Rules ईपीएफ यानी employee provident fund के पैसे हमारी सैलरी से हर महीने पीएफ के रूप में काटे जाते हैं। ये पैसे हमें रिटायर होने पर या 60 साल की आयु पूरी होने के बाद दिए जाते हैं। हालांकि कुछ परिस्थितियों में आप पीएफ से पैसे पहले भी निकाल सकते हैं। इन्हीं परिस्थितियों के बारे में आज हम डिटेल में बात करेंगे।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। ईपीएफओ (Employee Provident fund organisation) द्वारा पीएफ से संबंधित सभी कार्य नियंत्रित किए जाते हैं। अक्सर हमें छोटे-मोटे काम के लिए एकमुश्त पैसों की जरूरत पड़ जाती है।
ऐसे में हम लोन का सहारा ले लेते हैं। लेकिन लोन लेने पर आपको प्रिंसिपल अमाउंट के साथ ब्याज भी चुकाना पड़ जाता है।
अगर आप भी ऐसी स्थितियों में लोन से बचना चाहते हैं, तो ईपीएफ का विकल्प चुन सकते हैं। ईपीएफ में जमा पैसों को कुछ परिस्थितियों में निकाला जा सकता है।
किन परिस्थितियों में निकाल सकते हैं पैसे?
ईपीएफ या पीएफ में जमा पैसों को 10 अलग-अलग परिस्थितियों में निकाला जा सकता है। इनमें बच्चे की उच्च शिक्षा, घर खरीदना, इमरजेंसी, नौकरी जाना इत्यादि शामिल हैं। चलिए इनके बारे में एक-एक करके बात करते हैं।
इमरजेंसी में हो सकती है निकासी
अगर किसी के परिवार में मेडिकल इमरजेंसी हो जाए, तो ऐसी स्थिति में पीएफ से पैसे निकासी के लिए अनुरोध किया जा सकता है। आप बच्चे, पत्नी या पति, माता-पिता के लिए ये पैसे निकाल सकते हैं। वहीं इसके लिए आपको 7 साल जमा करने वाली शर्त भी पूरी करने की आवश्यकता नहीं है।
शादी के लिए भी मिल जाते हैं पैसे
अगर कोई व्यक्ति शादी करने का प्लान बना रहा है, तो इसके लिए भी पीएफ से पैसे मिल जाते हैं। लेकिन इसके लिए आपको 7 साल तक ईपीएफ में पैसे जमा करना जरूरी है। वहीं ऐसी स्थिति में आप जमा पैसों का 50 फीसदी ही निकाल सकते हैं। ये 50 फीसदी पैसे निकालने की अधिकतम लिमिट है।
उच्च शिक्षा के लिए भी निकाल सकते हैं पैसे
अगर आप बच्चे को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजना चाहते हैं, या उसकी पढ़ाई में ज्यादा पैसे खर्च हो रहे हैं। तो आप ईपीएफ से पैसे निकासी कर सकते हैं। ये ध्यान रखें कि आप शादी और उच्च शिक्षा जैसे खर्चों के लिए 3 बार ही निकासी कर सकते हैं।
विकलांग होने पर
अगर कोई व्यक्ति किसी हादसे के कारण विकलांग हो जाए, तो ऐसे स्थिति में भी निकासी संभव है। इसमें आप 6 महीने की बेसिक सैलरी और डीए तक निकाल सकते हैं। हालांकि ये पैसे आप 3 साल में एक बार ही निकाल सकते हैं।
नौकरी खोने पर
अगर कोई व्यक्ति 2 महीने से काम नहीं कर रहा है या उससे वेतन नहीं मिल रहा। तो वे पैसों की निकासी कर सकता है। इसके अलावा अगर कोई कर्मचारी कंपनी के नौकरी निकालने के फैसले से असहमत है और उसे कोर्ट में चुनौती देता है, तो भी निकासी हो सकती है।
कंपनी के 15 दिन या उससे अधिक समय के लिए बंद होने पर भी निकासी हो सकती है। इस तरह से आप पीएफ या ईपीएफ से रिटायर होने से पहले ही निकासी कर सकते हैं। हालांकि इस निकासी को लेकर भी लिमिट रखी गई है। ताकि भविष्य में कोष पर ज्यादा असर ना पड़े।
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