Oracle layoffs: ट्रंप ने ऐसा क्या कह दिया? दुनिया के दूसरे अरबपति ने कर दी भारतीय कर्मचारियों की छंटनी; जानें पूरी खबर
अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी ओरेकल (Oracle Layoff News) ने भारत में करीब 10% कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। ओरेकल ने यह कदम तब उठाया जब उसने OpenAI के साथ बड़ी डील की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से हाई-लेवल बातचीत की। इस रीस्ट्रक्चरिंग से टेक इंडस्ट्री में हलचल मच गई है। क्योंकि ओरेकल के मालिक लैरी एलिसन हैं जो दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं।

नई दिल्ली| दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में शामिल अमेरिकी दिग्गज कंपनी ओरेकल (Oracle Layoff) ने भारत में अपने करीब 10% कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। ओरेकल ने यह कदम तब उठाया, जब कंपनी ने OpenAI के साथ बड़ी डील की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्ंप से हाई-लेवल बातचीत की।
इस रीस्ट्रक्चरिंग से टेक इंडस्ट्री में हलचल मच गई है। क्योंकि, ओरेकल के मालिक लैरी एलिसन हैं, जो दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उनकी नेटवर्थ 302 बिलियन डॉलर है।
1. भारत के लिए बड़ा झटका: 10 में से गई एक की नौकरी
ओरेकल के भारत में पिछले साल तक 28,824 कर्मचारी थे, जो बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, पुणे, नोएडा और कोलकाता में काम करते थे। डेटा सेंटर डायनामिक्स के मुताबिक, हर 10 में से एक कर्मचारी की नौकरी गई।
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सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, क्लाउड सर्विसेज और कस्टमर सपोर्ट से जुड़े लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। कर्मचारियों को अचानक खबर दी गई। हालांकि, ओरेकल ने इसे 'रीस्ट्रक्चरिंग' बताया। लेकिन इतनी बड़ी छंटनी ने चिंता बढ़ा दी।
2. OpenAI डील और ट्रंप से मुलाकात का कनेक्शन
छंटनी से पहले ओरेकल के सीईओ लैरी विल्सन ने ट्रंप से ओवल ऑफिस में मुलाकात की। बातचीत में अमेरिका में नौकरियां, डेटा सिक्योरिटी और टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप पर चर्चा हुई। इसके बाद ऑरेकल ने OpenAI के साथ डील की, जिसके तहत कंपनी की इन्फ्रास्ट्रक्चर पर एआई डेटा (AI Data) प्रोसेस होगा।
कई लोग मानते हैं कि ओरेकल अब अमेरिकी बाजार पर फोकस कर रहा है, क्योंकि ट्रंप ऑफशोरिंग और एच-1बी वीजा कम करने की वकालत करते हैं। सवाल उठता है कि आखिर ट्रंप ने ऐसा क्या कह दिया कि ओरेकल ने भारतीय कर्मचारियों की छंटनी कर दी?
3. कनाडा और मैक्सिको में भी की छंटनी, आंकड़ा बड़ा
भारत के अलावा अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको में भी ऑरेकल कर्मचारियों की नौकरियां गईं। सिएटल में 150 से ज्यादा कर्मचारियों को उनकी भूमिका खत्म होने की बात कही गई। मैक्सिको में भी छंटनी का आंकड़ा भारत जितना हो सकता है। कई देशों में कर्मचारियों को गुप्त मीटिंग्स में बुलाया जा रहा है, जिससे ग्लोबल डाउनसाइजिंग की आशंका है।
4. डेटा सेंटर पर अरबों खर्च, लेकिन यहां कॉस्ट कटिंग
एआई की रेस में कंपनियां डेटा सेंटर्स में अरबों खर्च कर रही हैं। लागत कम करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने 15,000 नौकरियां खत्म कीं। जबकि अमेजन और मेटा ने अपनी हायरिंग ही घटा दी।
ओरेकल की OpenAI डील, जो 500 बिलियन डॉलर के 'स्टारगेट' प्रोजेक्ट से जुड़ी है, इसके लिए 4.5 गीगावाट डेटा सेंटर पावर चाहिए। इससे कंपनी ग्लोबल वर्कफोर्स में बदलाव कर रही है।
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5. ओरेकल का हब रहा भारत, जयपुर-भोपाल में विस्तार
भारत दो दशक से ओरेकल का रणनीतिक हब रहा है। कंपनी ने जयपुर, भोपाल जैसे शहरों में विस्तार किया था। लेकिन, यह छंटनी कर्मचारियों का मनोबल तोड़ सकती है। ऑरेकल अमेरिका में चुनिंदा भर्तियां कर रहा है, जो फोकस बदलने का संकेत है।
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