सेकेंड हैंड सामान खरीदने में भारतीय दूसरे नंबर पर; टॉप पर चीन-पाकिस्तान नहीं तो कौन? चौंका देगा नाम!
Second Hand Item खरीदने में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। जहां 60% लोग सेकेंड हैंड सामान का इस्तेमाल करते हैं। अब सवाल यह है कि पहले नंबर पर कौन है? तो आपके मन में चीन या फिर पाकिस्तान का नाम आ रहो होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। हालिया सर्वे के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में 62% लोग पिछले एक साल में सेकेंड हैंड सामान खरीद चुके हैं।

नई दिल्ली| पुराने कपड़े, जूते और घर का सामान खरीदने का चलन भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में है। चौंकाने वाली बात यह है कि सेकेंड हैंड सामान (second-hand items) खरीदने में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। जहां 60 प्रतिशत लोग सेकेंड हैंड सामान का इस्तेमाल करते हैं।
अब सवाल यह है कि पहले नंबर पर कौन है? तो आपके मन में चीन या फिर पाकिस्तान का नाम आ रहो होगा। लेकिन ऐसा नहीं है।
हालिया सर्वे के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में 62% लोग पिछले एक साल में सेकेंड हैंड सामान (used goods purchasers) खरीद चुके हैं, जबकि भारत में ये आंकड़ा 60% है। अमेरिका, फिनलैंड और यूके 59% के साथ तीसरे नंबर पर हैं।
किसने खरीदा सबसे ज्यादा सेकेंड हैंड सामान?
SOURCE- STATISTA
भारत में कितना बड़ा है सेकेंड हैंड बाजार?
भारत में सेकेंड हैंड सामान का बाजार (Second Hand Market) तेजी से बढ़ रहा है। कपड़ों से लेकर ऑटोमोबाइल पार्ट्स, पुराने गैजेट्स और एंटीक सामान तक, लोग सस्ते और अच्छे सामान की तलाश में बाजारों की खाक छान रहे हैं।
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जयपुर, मुंबई के चोर बाजार और बेंगलुरु के चिकपेटे जैसे बाजारों में 20 रुपए में शर्ट से लेकर 300 रुपए में जैकेट तक मिल जाती है। एक अनुमान के मुताबिक, भारत में सेकेंड हैंड कपड़ों और सामान का बाजार करीब 10,000 करोड़ रुपए सालाना का है और ये हर साल 15-20% की रफ्तार से बढ़ रहा है।
वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 के अंत तक भारत में सेकंड हैंड स्मार्टफोन का बाजार 34,500 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। Cars24 की रिपोर्ट मुताबिक, सेकंड हैंड कार बाजार 2023 में 46 लाख यूनिट्स का था और 2030 तक यह 8 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
दुनिया में कितना बड़ा है यह बाजार?
दुनियाभर में सेकेंड हैंड सामान का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। स्टैटिस्टा की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 तक सेकेंड हैंड सामान का बाजार 3 लाख करोड़ रुपए था, जिसके 2028 तक 13 लाख करोड़ रुपए पहुंचने की उम्मीद है।
वहीं मैक्सिमाइज़ मार्केट रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में सेकेंड हैंड प्रोडक्ट्स का बाजार 2024 में 523.29 बिलियन डॉलर (करीब 45 लाख करोड़ रुपए) का था, जो 2032 तक 1451.34 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।
क्यों बढ़ रहा है यह ट्रेंड?
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और यूरोप के देशों में लोग पर्यावरण और बजट को ध्यान में रखकर पुराने सामान को पसंद कर रहे हैं। खासकर कपड़ों का बाजार सबसे बड़ा है, जिसमें अमेरिका और यूरोप में 30-33% लोग हर साल सेकेंड हैंड कपड़े खरीदते हैं।
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चीन में भी ये बाजार तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन भारत 60% खरीदारों के साथ उनसे आगे है। रिपोर्ट्स में बताया गया कि लोगों का झुकाव सस्ते और टिकाऊ सामान की ओर बढ़ रहा है।
भारत में 'नेकी की दीवार' जैसे कांसेप्ट और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स ने भी इस बाजार को बढ़ावा दिया है। पर्यावरण को बचाने और पैसे बचाने की चाहत ने सेकेंड हैंड सामान को नया स्टेटस दे दिया है।
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