ट्रंप टैरिफ के बीच ड्रैगन को हिलाएगा ChatGPT, गुपचुप तरीके से बना रहा TikTok जैसी कंपनी: AI वाला होगा हर Video
चैटजीपीटी की पैरेंट कंपनी ओपनएआई एक नया शॉर्ट वीडियो ऐप बना रही है जो टिकटॉक जैसा होगा। यह प्लेटफॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित होगा जहां हर वीडियो AI द्वारा बनाया जाएगा। ओपनएआई का आगामी वीडियो मॉडल सोरा 2 इस प्रोजेक्ट को शक्ति देगा। यह ऐप वर्टिकल फीड और स्वाइप-टू-स्क्रॉल डिजाइन के साथ आएगा लेकिन उपयोगकर्ताओं को वीडियो अपलोड करने की अनुमति नहीं होगी।

नई दिल्ली। बीते 6 महीनों से ट्रंप का टैरिफ पूरी दुनिया में छाया हुआ है। ट्रंप के टैरिफ का कहर सबसे ज्यादा भारत और ब्राजील झेल रहे हैं। दोनों पर 50-50 फीसदी है। टैरिफ के बीच ट्रंप प्रशासन टिकटॉक को भी खरीदने की होड़ में है। इन सबके बीच चैटजीपीटी (ChatGPT) की पैरेंट कंपनी ओपनएआई अब गुपचुप तरीके से कुछ ऐसा बना रही है कि ड्रैगन यानी चीन को बड़ा झटका लगने वाला है। अमेरिका में टिकटॉक बहुत ही पॉपुलर प्लेटफॉर्म है। अब शायद इस प्लेटफार्म की कॉपी चैटजीपीटी मार्केट में उतार सकती है।
हर वीडियो AI बनाएगा
ओपनएआई कथित तौर पर एक नए शॉर्ट वीडियो ऐप पर काम कर रहा है जो लोगों के ऑनलाइन कंटेंट देखने के तरीके को बदल सकता है। वायर्ड के अनुसार, कंपनी टिकटॉक जैसा एक प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की तैयारी कर रही है, लेकिन इसमें एक बड़ा अंतर होगा । इसकी हर क्लिप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा बनाई जाएगी। कहा जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट ओपनएआई के आगामी वीडियो मॉडल, सोरा 2 द्वारा संचालित होगा, जिसे कंपनी ने अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है।
चैटजीपीटी जिस वीडियो ऐप पर काम कर रहा है वह अभी डेवलपमेंट फेज में है। वर्टिकल फीड और स्वाइप-टू-स्क्रॉल डिजाइन के साथ परिचित शॉर्ट-वीडियो फॉर्मेट का पालन करने की उम्मीद है। लेकिन टिकटॉक या इंस्टाग्राम रील्स के विपरीत, उपयोगकर्ताओं के पास अपने कैमरा रोल से अपने वीडियो अपलोड करने का विकल्प नहीं होगा। इसके बजाय, सोरा 2 फीड में दिखाई देने वाले प्रत्येक वीडियो को बनाने में माहिर होगा। इससे इंसानी अपलोड के बजाय पूरी तरह से एआई रचनात्मकता पर ध्यान केंद्रित होगा।
10 सेकेंड का AI वीडियो दर्शकों को करेगा रोमांचित
रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस ऐप के अंदर, सोरा 2 केवल 10 सेकंड या उससे कम समय के वीडियो बनाने तक ही सीमित रहेगा। यह टिक टॉक की मौजूदा 10 मिनट तक की सीमा से काफी कम है, लेकिन कुछ हद तक प्लेटफॉर्म के शुरुआती दिनों जैसा ही है, जब वीडियो 15 सेकंड तक सीमित थे।
दिलचस्प बात यह है कि ChatGPT के नए शॉर्ट वीडियो प्रोजेक्ट में आइडेंटी वेरिफिकेशन सिस्टम भी होगा। यूजर्स अपनी तस्वीर को वेरीफाई करके वीडियो बना सकते हैं। अन्य उपयोगकर्ता उन तस्वीरों को अपने एआई-जनरेटेड क्लिप में टैग या रीमिक्स कर सकते हैं। लेकिन डीपफेक जैसी चीजों से बचने के लिए, OpenAI कथित तौर पर किसी व्यक्ति की तस्वीर के इस्तेमाल पर उसे एक मैसेज भेजने की योजना बना रहा है, भले ही वह वीडियो सार्वजनिक रूप से पोस्ट न किया गया हो।
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