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    Online Gaming: हर साल 45 करोड़ भारतीय गंवा रहे पैसा, अब सरकार ने उठाया बड़ा कदम; जानें सालाना हुआ कितना नुकसान?

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 06:49 PM (IST)

    हर साल करीब 45 करोड़ भारतीय ऑनलाइन Online gambling में अपना पैसा गंवा बैठते हैं। यह नुकसान करीब 20000 करोड़ रुपए तक का है। सरकार का मानना है कि इस लत की वजह से न केवल लोगों की जेब खाली हो रही है बल्कि समाज पर भी इसका गंभीर असर पड़ रहा है। इसी को देखते हुए सरकार ने लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग विधेयक 2025 पेश किया है।

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    हर साल करीब 45 करोड़ भारतीय ऑनलाइन Online gambling में अपना पैसा गंवा बैठते हैं।

    नई दिल्ली। देश में हर साल करीब 45 करोड़ भारतीय ऑनलाइन 'रियल मनी' गेमिंग (Online money gaming) में अपना पैसा गंवा बैठते हैं। सरकारी अनुमान के मुताबिक, यह नुकसान करीब 20,000 करोड़ रुपए ( Financial losses) तक पहुंच जाता है।

    सरकार का मानना है कि इस लत (Gambling addiction) की वजह से न केवल लोगों की जेब खाली हो रही है, बल्कि समाज पर भी इसका गंभीर असर  पड़ रहा है। इसी को देखते हुए सरकार ने लोकसभा में 'ऑनलाइन गेमिंग (प्रोत्साहन एवं विनियमन) विधेयक, 2025' पेश किया है।

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    इस बिल में साफ कहा गया है कि ई-स्पोर्ट्स और सामाजिक गेमिंग को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन पैसों पर आधारित किसी भी तरह के गेम पर रोक रहेगी। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने यह फैसला राजस्व हानि की आशंका के बावजूद लिया, क्योंकि समाज कल्याण को प्राथमिकता दी गई है।

    बिल में 1 करोड़ के जुर्माना का प्रावधान

    • मनी बेस्ड गेमिंग सर्विस देने वालों को 3 साल तक की जेल, 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
    • नियमों के खिलाफ विज्ञापन करने पर 2 साल तक की सजा या 50 लाख रुपए जुर्माना लगाया जा सकेगा।
    • खिलाड़ियों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी, कार्रवाई सिर्फ उन प्लेटफॉर्म या कंपनियों पर होगी जो ऐसे खेल उपलब्ध कराते हैं।
    • ई-स्पोर्ट्स और सामाजिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए बजट, योजनाएं और एक नया प्राधिकरण बनाया जाएगा।

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    3.5 साल से रोकने की कोशिश हो रही...

    सरकारी सूत्रों का कहना है कि कई गेमिंग कंपनियां खुद को "कौशल का खेल" (game of skill) बताकर सट्टेबाजी से अलग दिखाने की कोशिश करती हैं। वहीं, पिछले साढ़े तीन साल से सरकार इन्हें रोकने की कोशिश कर रही थी। जीएसटी के जरिए या नियामक संस्था के प्रस्ताव से भी इन्हें नियंत्रित करना संभव नहीं हो पाया।

    ...लेकिन गेमिंग इंडस्ट्री इससे सहमत नहीं

    हालांकि, गेमिंग इंडस्ट्री इससे सहमत नहीं है। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन, ई-गेमिंग फेडरेशन और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा है कि यह बिल रोजगार देने वाली उभरती इंडस्ट्री को खत्म कर देगा।

    उनके अनुसार, यह उद्योग दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का है और हर साल 31,000 करोड़ रुपए की आय करता है। साथ ही यह करों में 20,000 करोड़ रुपए का योगदान देता है।

    यानी एक तरफ सरकार इसे समाज के लिए खतरनाक मानती है, वहीं उद्योग जगत इसे रोजगार और राजस्व का बड़ा जरिया बता रहा है।