GST Reforms: जीएसटी सुधारों से हर साल होगा ₹85 हजार करोड़ का नुकसान; बढ़ेगी खरीदारी, लेकिन कितनी? जानें पूरी खबर
अगर सरकार टैक्स दरों (GST reforms) को और कम करती है तो हर साल सरकार को करीब 85000 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान होगा। हालांकि इसका सीधा फायदा आम लोगों और बाजार को मिलेगा। SBI की रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि टैक्स कटौती की वजह से लोगों की खरीददारी बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में 1.98 लाख करोड़ रुपए तक की खपत का इजाफा होगा।

नई दिल्ली| GST reforms : देश की सबसे बड़ी सरकारी बैंक एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट (SBI Research Report) में जीएसटी सुधारों पर बड़ा दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अगर सरकार टैक्स दरों को और कम करती है तो हर साल सरकार को करीब 85,000 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान होगा।
हालांकि इसका सीधा फायदा आम लोगों और बाजार को मिलेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि टैक्स कटौती की वजह से लोगों की खरीददारी बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में 1.98 लाख करोड़ रुपए तक की खपत का इजाफा होगा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जब जीएसटी (GST) की शुरुआत हुई थी तो उस समय इसकी प्रभावी औसत दर 14.4 प्रतिशत थी। लेकिन 2019 तक यह घटकर 11.6 प्रतिशत हो गई। एसबीआई रिसर्च का अनुमान है कि आगे टैक्स दरों को और तर्कसंगत बनाने की कोशिशों से यह दर घटकर 9.5 प्रतिशत तक आ सकती है।
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सस्ता हो सकता है सामान
इससे रोजमर्रा की कई चीजें सस्ती हो सकती हैं। खासकर खाने-पीने का सामान और कपड़े जैसी ज़रूरी वस्तुओं पर टैक्स 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो सकता है। इसका असर सीधे महंगाई पर पड़ेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, इससे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई (CPI inflation) 20 से 25 बेसिस प्वॉइंट तक कम हो सकती है।
खाने-पीने की चीजों की खुदरा महंगाई में भी करीब 10-15 प्वॉइंट की गिरावट आ सकती है। यानी आम आदमी के बजट को सीधा फायदा मिलेगा। हालांकि, टैक्स घटाने से सरकार की कमाई पर असर पड़ेगा।
इस साल होगा 45 हजार करोड़ का नुकसान
एसबीआई का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में ही सरकार को करीब 45,000 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ सकता है। लेकिन दूसरी तरफ, टैक्स कटौती और इनकम टैक्स में दी गई छूट को मिलाकर अर्थव्यवस्था में 5.31 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त खपत जुड़ जाएगी। यह भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 1.6 प्रतिशत है।
अब इस प्रस्ताव पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की समिति चर्चा करेगी। इसके बाद इसे मंजूरी के लिए जीएसटी काउंसिल की बैठक में रखा जाएगा। अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो आने वाले महीनों में आम लोगों को रोजमर्रा के खर्चों में राहत मिल सकती है, जबकि सरकार को राजस्व में थोड़ी कमी झेलनी होगी।
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