Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ...और महंगा होगा जोमैटो-स्विगी से खाना मंगाना? डिलीवरी फीस पर 18% GST, कंपनियां ग्राहकों पर डाल सकती हैं इसका बोझ

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 10:52 AM (IST)

    फूड डिलीवरी ऐप की डिलीवरी फीस पर अब 18 फीसदी टैक्स लगेगा और जोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियों के मार्जिन और मुनाफे को प्रभावित करेगा। कंपनियों के करीबी सूत्रों ने बताया कि जोमैटो व स्विगी दोनों कंपनियां अपने मार्जिन पर पड़ने वाले प्रभाव की भरपाई के लिए अतिरिक्त लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने की संभावना पर विचार कर रही हैं।

    Hero Image
    डिलीवरी फीस पर 18 फीसदी जीएसटी, जोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियों के मार्जिन और मुनाफे को प्रभावित करेगा।

    नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल ने फूड डिलीवरी ऐप की डिलीवरी (GST on Food Delivery Fee) फीस पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया है। यह टैक्स जोमैटो और स्विगी (Zomato & Swiggy) जैसी कंपनियों के मार्जिन और मुनाफे को प्रभावित करेगा। लेकिन, खबर है कि जोमैटो व स्विगी इस शुल्क के बोझ को ग्राहकों पर डाल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो ऑनलाइन फूड ऑर्डर करना महंगा हो सकता है। दरअसल, पहले डिलीवरी फीस पर कोई टैक्स नहीं लगता था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों के करीबी सूत्रों ने बताया कि जोमैटो व स्विगी दोनों कंपनियां अपने मार्जिन पर पड़ने वाले प्रभाव की भरपाई के लिए अतिरिक्त लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने की संभावना पर विचार कर रही हैं।

    क्या है जोमैटो-स्विगी की प्लानिंग

    जीएसटी की नई दरों को लेक ये फूड डिलीवरी ऐप प्लेटफ़ॉर्म अभी सरकार की इस अधिसूचना का अध्ययन कर रहे हैं ताकि मार्जिन, प्राइसिंग और वर्किंग कैपिटल पर इसके प्रभाव का आकलन किया जा सके। इस बीच, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि फ़ूड डिलीवरी कंपनियों को इसका सीधा असर झेलना पड़ सकता है, क्योंकि डिलीवरी उनकी मुख्य सेवा है, जबकि क्विक कॉमर्स या ई-कॉमर्स में इसे सामान की आपूर्ति का एक सहायक माना जाता है।

    हालांकि, दोनों कंपनियों की सब्सक्रिप्शन योजनाओं के सदस्य, स्विगी वन और ज़ोमैटो गोल्ड पर इसका सीधा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इन्हें वैल्यू एडेड सर्विसेज माना जाता है।

    ग्राहकों पर डाला जाएगा टैक्स का बोझ?

    जीएसटी काउंसिल ने अपनी 56वीं बैठक में कहा कि अब फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स, CGST एक्ट की धारा 9(5) के तहत अपने ऐप से मुहैया की जाने वाली स्थानीय डिलीवरी सेवाओं पर जीएसटी के लिए उत्तरदायी होंगे। इस कदम का उद्देश्य प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए टैक्स लायबिलिटी को स्पष्ट करना है, जबकि छोटे डिलीवरी एजेंट जीएसटी अनुपालन के दायरे से बाहर रहेंगे।

    एक फ़ूड डिलीवरी फर्म के एक अधिकारी ने कहा, "हम अभी इस पर और स्पष्टता का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन अगर डिलीवरी सेवाओं पर जीएसटी का बोझ ज़्यादा है, तो इसका बोझ ग्राहकों पर पड़ने की संभावना है। इसका असर अलग-अलग श्रेणियों में अलग-अलग हो सकता है।"

    comedy show banner
    comedy show banner