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    प्याज बिगाड़ सकता है महंगाई का जायका, 15 दिनों में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी

    By Jagran NewsEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Thu, 26 Oct 2023 07:24 PM (IST)

    प्याज की बढ़ती कीमतों से महंगाई बढ़ सकती है। इस साल जुलाई में टमाटर की कीमत 200 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गई जिससे जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 7.7 प्रतिशत पर पहुंच गई। सितंबर में सब्जियों की कीमतें नियंत्रण में रहने से खुदरा महंगाई दर गिरकर 5.02 फीसदी पर आ गई लेकिन अब प्याज की कीमतें बढ़ने से अक्टूबर और नवंबर में महंगाई बढ़ सकती है।

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    प्याज की चढ़ती कीमतें अक्टूबर व नवंबर की महंगाई दर को हवा दे सकती है।

    राजीव कुमार, नई दिल्ली। इस बार प्याज स्वाद के साथ ही खुदरा महंगाई का जायका बिगाड़ सकता है। टमाटर की तरह प्याज की बढ़ती कीमतें महंगाई का आंकड़ा बढ़ा सकती हैं।

    इस साल जुलाई में टमाटर के दाम 200 रुपए प्रति किलोग्राम से अधिक हो गए थे जिस वजह से जुलाई की खुदरा महंगाई दर 7.7 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई थी। सितंबर में सब्जी के दाम नियंत्रण में रहने से खुदरा महंगाई दर 5.02 प्रतिशत के स्तर पर आ गई। मगर अब प्याज की चढ़ती कीमतें अक्टूबर व नवंबर की महंगाई दर को हवा दे सकती है।

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    अभी क्या है प्याज की खुदरा कीमत?

    प्याज की खुदरा कीमत 60 रुपए प्रति किलोग्राम तक चली गई है और आने वाले दिनों में प्याज के दाम में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है। सिर्फ 15 दिनों में प्याज की खुदरा कीमतों में 50 प्रतिशत का इजाफा हो गया है। सप्लाई की रफ्तार को देखते हुए दिवाली तक ही प्याज के दाम में राहत की उम्मीद की जा रही है।

    हालांकि दिल्ली व पंजाब की थोक मंडियों में अफगानिस्तान से भी प्याज की आवक शुरू हो गई है, लेकिन अफगानिस्तान से प्याज अभी काफी सीमित मात्रा में आ रहे हैं। राजस्थान से भी नए प्याज की सीमित मात्रा में आवक शुरू हो गई है।

    अफगानिस्तान से की जा रही है प्याज की सप्लाई

    आजादपुर मंडी में प्याज के थोक व्यापारियों के मुताबिक गुरुवार को अफगानिस्तान से एक गाड़ी यानी कि लगभग 20 टन प्याज की सप्लाई की गई। वैसे ही पंजाब की मंडी में 3-4 गाड़ी अफगानी प्याज की सप्लाई रही। सड़क मार्ग से अफगानिस्तान से प्याज की सप्लाई हो रही है।

    इस साल कम हुई प्याज की बुवाई

    इस साल खरीफ सीजन में प्याज की बुवाई कम हुई है और राजस्थान में भी प्याज की नई फसल कम बताई जा रही है। गत रबी सीजन में नेफेड की तरफ से खरीदे गए प्याज की सप्लाई भी अब पहले की तुलना में कम हो गई है।

    तभी देश में सबसे अधिक प्याज उत्पादन करने वाला राज्य महाराष्ट्र की सभी मंडियों में प्याज की थोक कीमत 4500 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है।

    अफगानी प्याज की क्या है थोक कीमत

    दिल्ली की आजादपुर मंडी में अफगानी प्याज की थोक कीमत 3500 रुपए प्रति क्विंटल चल रही है जबकि देसी प्याज के थोक दाम 4500-5000 रुपए प्रति क्विंटल बताए जा रहे हैं।

    राजस्थान से प्याज की सप्लाई तेज होने व फिर अन्य प्रदेशों से नए प्याज की आवक बढ़ने पर ही प्याज की कीमत 35-40 रुपए प्रति किलोग्राम तक आ पाएगी और इस काम में 15 दिनों का समय लग सकता है। उपभोक्ता मामले विभाग के मुताबिक इस साल अगस्त में प्याज के खुदरा दाम पिछले साल अगस्त की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक हो गए थे और प्याज की खुदरा कीमत इस साल अगस्त में 33 रुपए प्रति किलोग्राम तक चली गई थी।

    तभी सरकार ने अगस्त में ही प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया था जो आगामी 31 दिसंबर तक मान्य होगा। इसलिए सरकारी स्तर पर प्याज के दाम को रोकने के लिए बहुत उपाय संभव नहीं है।

    सालाना 3 करोड़ टन होता है प्याज का उत्पादन

    भारत में सालाना लगभग तीन करोड़ टन प्याज का उत्पादन होता है। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने 23 लाख टन प्याज का निर्यात किया था। चालू वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल-अगस्त के बीच 11.60 लाख टन प्याज का निर्यात किया जा चुका था।