समंदर से तेल निकालने वाली इस कंपनी के शेयरों में तूफानी तेजी, इजरायल-ईरान की जंग से कंपनी को कैसे होगा फायदा?
ONGC share rally इजरायल के ईरान पर हमला करने की वजह से इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दामों में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी होने का मतलब है कि पेट्रोल और डीजल के दामों में तेजी आना। इसकी वजह से तेल बेचने वाली कंपनियों के शेयर में गिरावट आई है। लेकिन ONGC को इसका फायदा मिल रहा है।

नई दिल्ली। समंदर से तेल निकालने वाली भारत की सरकारी कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC) के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है। 13 जून को NSE पर कंपनी का स्टॉक 255.55 रुपये पर ओपन हुआ। 12 जून को यह 247.88 पर बंद हुआ था। इसके शेयरों (ONGC Share Price Rise) में उछाल की वजह ईरान और इजरायल (Israel Iran war impact on oil) के बीच संघर्ष है। दोनों देशों के बीच हो रहे संघर्ष की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला। तनाव की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में 9% की तेजी देखी गई।
आज इंट्रा डे में ONGC के शेयरों ने 255.95 रुपये के हाई लेवल को छुआ। लेकिन बाद में यह थोड़ा नीचे आ गया। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है। क्योंकि मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने से आपूर्ति बाधित होने की आशंका बढ़ गई। ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव 75.67 डॉलर (9.10% ऊपर) और WTI क्रूड 74.38 डॉलर (9.32% ऊपर) तक पहुंच गया है। ऐसे में समंदर से तेल निकालने वाली सरकारी कंपनी को फायदा होना लाजमी है।
इजरायल-ईरान संघर्ष से कैसे होगा ONGC को फायदा?
इजरायल और ईरान संघर्ष शुरू होने से कच्चे तेल के दामों में और भी तेजी आ सकती है। क्योंकि मिडिल ईस्ट के कई देश प्रमुख रूप से तेल उत्पादक हैं। ऐसे में संघर्ष होने की वजह से तेल उत्पादन कम होगा। इसके साथ ही इसे एक देश से दूसरे देश को निर्यात करने में भी समय लगेगा। इसी कारण समंदर से तेल निकालने वाली भारतीय कंपनी ओएनजीसी को फायदा होगा। क्योंकि यह कंपनी तेल निकालकर तेल मार्केटिंग कंपनियों जैसे हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम आदि को बेचती है।
कच्चे तेल के दामों में इजाफा होने से ONGC को अधिक फायदा होगा, जबकि इस कंपनी से तेल खरीदकर बेचने वाली कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में तेल उत्पादन करने वाली कंपनियों के शेयर में तेजी (Oil company stock surge) आना लाजमी माना जा रहा है, जबकि कच्चा तेल खरीदकर उसे पेट्रोल और डीजल में कन्वर्ट करके बेचने वाली कंपनियों के शेयरों में गिरावट आ सकती है।
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