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One Rank One Pension: 20,60,220 रक्षा बलों के पेंशनरों/फैमिली पेंशनरों को वितरित किये गए 10,795 करोड़ रुपये

7th Pay Commission news रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा है कि वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना में बकाया के 10795.4 करोड़ रुपये 2060220 रक्षा बलों के पेंशनरों/फैमिली पेंशनरों को वितरित किये गए हैं। मंत्रालय ने बताया कि वार्षिक आवर्ती व्यय करीब 7123.38 करोड़ रुपये है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 04:31 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 06:08 AM (IST)
One Rank One Pension: 20,60,220 रक्षा बलों के पेंशनरों/फैमिली पेंशनरों को वितरित किये गए 10,795 करोड़ रुपये
भारतीय रुपये के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Jagran

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा है कि वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना में बकाया के 10,795.4 करोड़ रुपये 20,60,220 रक्षा बलों के पेंशनरों/फैमिली पेंशनरों को वितरित किये गए हैं। मंत्रालय ने बताया कि वार्षिक आवर्ती व्यय करीब 7123.38 करोड़ रुपये का है और 1 जुलाई, 2014 से शुरू होकर करीब छह साल के लिए है। मंत्रालय ने बताया कि इस तरह कुल आवर्ती व्यय लगभग 42740.28 करोड़ रुपये का है।

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गौरतलब है कि भारत सरकार ने सात नवंबर, 2011 को एक आदेश जारी कर वन रैंक वन, पेंशन योजना लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था, लेकिन 2015 से पहले इसे कभी लागू नहीं किया गया। पूर्व सैन्यकर्मी करीब 45 वर्षों से ओआरओपी के कार्यान्वयन की मांग के लिए आंदोलन करते आ रहे थे।

इस योजना के दायरे में 30 जून, 2014 तक सेवानिवृत्त हुए सैन्य बल कर्मी आते हैं। ओआरओपी लाभार्थियों को 2.57 के मल्टीप्लिकेशन फैक्टर से पेंशन की गणना करते समय सातवीं केंद्रीय वेतन आयोग के तहत पेंशन के निर्धारण का लाभ भी मिला।

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➡️ वन रैंक वन पेंशन के 6 साल पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है मोदी सरकार। #6YearsOfOROP

View attached image - RSPrasad Office (@officeofrsp) 7 Nov 2021

आपको बता दें कि साल 2014 में सत्ता में आते ही केंद्र की बीजेपी सरकार ने रिटायर सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी। वन रैंक-वन पेंशन योजना के अंतर्गत अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक ही रैंक के दो सैनिकों की पेंशन राशि में बड़ा अंतर नहीं होगा, यह सुनिश्चित किया गया है।

इस योजना से पूर्व साल 2006 से पहले रिटायर हुए सैनिकों को कम पेंशन मिलती थी। कुछ को तो अपने से छोटे अफसर से भी कम पेंशन मिलती थी। इसे लेकर रिटायर सैनिकों में काफी आक्रोश भी था।

वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत समान रैंक पर समान पेंशन सुनिश्चित किया गया है। इससे यह फायदा हुआ कि जो सैनिक 2006 से पहले रिटायर हो चुके हैं और जो अब रिटायर होंगे, उन सभी को एक समान पेंशन मिलना तय हुआ है।

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