Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Old vs New Tax Regime: ओल्ड या नई टैक्स रिजीम, क्या है आपके लिए बेहतर?

    Updated: Tue, 06 May 2025 05:01 PM (IST)

    इनकम टैक्स विभाग द्वारा अब तक आईटीआर से जुड़े सभी फॉर्म जारी कर दिए गए हैं। इनकम टैक्स फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई रखी गई है। अगर आप टैक्स रिफंड में कोई भी परेशानी नहीं चाहते तो इनकम टैक्स को समय से फाइल कर लें। आज हम जानेंगे कि ओल्ड या नई टैक्स रिजीम में से आपके लिए बेहतर क्या है?

    Hero Image
    ओल्ड या नई टैक्स रिजीम, क्या है आपके लिए बेहतर?

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। इनकम टैक्स फाइल करते वक्त टैक्सपेयर्स को दो ऑप्शन मिलेंगे। इनमें ओल्ड टैक्स रिजीम और नई टैक्स रिजीम शामिल हैं। इन दोनों के ही अपने फायदे और नुकसान हैं। अगर आप टैक्स फाइल करने वाले हैं तो जरूर कन्फ्यूजन हो रही होगी कि कौन-सा टैक्स रिजीम चुना जाए?

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इनकम टैक्स विभाग की मानें तो मौजूदा समय में सेलरीड टैक्सपेयर्स को ये छूट दी गई है कि वे एक फाइनेंशियल ईयर से दूसरे फाइनेंशियल ईयर में नई टैक्स रिजीम से ओल्ड टैक्स रिजीम में आ सकते हैं। इसके साथ ही आप इसका विपरीत भी कर सकते हैं।

    ओल्ड टैक्स रिजीम किसके लिए बेहतर है?

    पुरानी टैक्स रिजीम या ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर्स को सेक्शन 80सी, लीव ट्रेवल अलाउंस और रेंट अलाउंस का फायदा मिलता है। सेक्शन 80 सी का फायदा आप अलग-अलग टैक्स सेविंग में निवेश कर उठा सकते हैं। सेक्शन 80सी के तहत आपका 1.5 लाख रुपये का टैक्स माफ हो जाता है।

    अगर आपने ऐसी किसी स्कीम में अप्लाई किया है, जिसमें सेक्शन 80सी लाभ मिले या कोई अलाउंस से आप टैक्स कम कर पा रहे हैं, तो ओल्ड टैक्स रिजीम ही बेहतर विकल्प रहेगा।

    नई टैक्स रिजीम किसके लिए सही है?

    यूनियन बजट 2025 के अनुसार नई टैक्स रिजीम में टैक्सपेयर्स को 12.5 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री है। जिसका मतलब हुआ कि आपको 12 लाख रुपये तक की इनकम में कोई टैक्स देने की आवश्यकता नहीं है। अगर आपको सेक्शन 80 सी का फायदा नहीं मिल रहा है या किसी भी टैक्स सेविंग में अप्लाई नहीं किया है। तो नई टैक्स रिजीम भी बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

    टैक्स कैलकुलेशन करेगा निर्णय आसान

    आप इन दोनों टैक्स रिजीम में टैक्स कैलकुलेट कर भी निर्णय ले सकते हैं। टैक्स कैलुकलेशन आपको चयन करने में मदद करेगा। टैक्स कैलकुलेशन के लिए आपको खुद कैलुकेलट नहीं करना है। आप इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाकर पर टैक्स कैलकुलेट कर सकते हैं। 

    इसके लिए बस आपको मांगी गई जानकारी दर्ज करनी होगी। 

    यह भी पढ़ें:-क्या होता है IPO का मतलब? समझें इससे जुड़ी सभी टर्म के मीनिंग