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    Old Jewellery: घर में है पुराना सोना तो तुरंत कर लें यह काम, बाद में गहने बेचने में हो सकती है परेशानी

    By Gaurav KumarEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Tue, 23 May 2023 09:46 PM (IST)

    जिन लोगों के पास पुराने गहने हैं जिन पर हॉलमार्क नहीं बना है उसे अब देश में खरीदने और बेचने में काफी मुश्किलें आ सकती है। केंद्र सरकार ने 1 अप्रेल 202 ...और पढ़ें

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    If there is old gold in the house, there may be trouble in selling jewellery later

    नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: भारत में लोगा आज से नहीं बल्कि वर्षों से सोना खरीदने को शुभ मानते हैं और यही कारण है की देश के हर घर में गृहणिनियों के पास आपको कुछ ग्राम सोना जरूर मिल जाएगा। सोना ना सिर्फ उनका गहना है बल्कि अपने माता-पिता या पति से मिला अनमोल प्यार है जिसे वो किसी भी किमत पर नहीं बेचना चाहतीं।

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    आकड़ों की मानें तो दुनिया में बड़े देशों के पास जितना सोना नहीं है उससे ज्यादा सोना भारतीय महिलाओं के पास है। लेकिन केंद्र सरकार ने 1 अप्रेल 2023 से देश में सोने के जेवर की खरीद और बिक्री के नियमों में कुछ बदलाव किया है जिसे नहीं जानने से आपके घर में रखे सोने को भविष्य में बेचने में दिक्कत हो सकती है।

    पुराने गहने को बेचने में हो सकती है मुश्किल

    केंद्र सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर उन गहनों पर पड़ेगा जो पुराने हो चुके हैं। दरअसल केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है जिसके बाद बिना हॉलमार्क वाले जेवर को आप देश में कहीं भी खरीद या बेच नहीं सकते। सरकार के इस फैसले के बाद उन लोगों के ज्यादा दिक्कत हो सकती है जिनके पास बिना हॉलमार्क वाले गहने हैं।

    हॉलमार्क से क्या फायदा ?

    दरअसल हॉलमार्क वाले गहनों पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का लोगो लगा होता है जिसपर यह भी जानकारी दी गई होती है की वो सोने की ज्वेलरी कितने कैरेट की है। 24 कैरेट वाले सोने को सबसे शुद्ध माना जाता है जिसका मतलब की इस गहने में किसी भी प्रकार की मिलावट ना के बराबर है और इसी वजह से ऐसे सोने की किमत मंहगी होती है।

    देश में सामान्य तौर पर लोग 18 से 22 कैरेट का सोने के बनाते है जिसकी किमत थोड़ी कम होती है क्योंकि उसमे कुछ प्रतिशत की मिलावट की जाती है। अगर गहने पर हॉलमार्क लगा होगा तो ज्वेलर्स ग्राहकों को आसानी से ठग नहीं पाएंगे।

    हॉलमार्क नहीं है तो क्या करें ?

    बीआईएस के नियमों के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति के पास ऐसे गहने हैं जिन पर हॉलमार्क का लोगो नहीं है तो उसे बेचने से पहले आपको हॉलमार्क करवाना पड़ेगा। इसके बिना अब आप देश में सोना ना तो खरीद पाएंगे और ना ही बेच पाएंगे।

    आपके पास सिर्फ यही विकल्प है की आप गहने की हॉलमार्किंग करवा लें। इसके लिए आपको 45 रुपये प्रति पीस के हिसाब से चार्ज देना होगा। आपको बीआईएस की लेब में जाकर अपनी ज्वेलरी को हॉलमार्क करवाना पड़ेगा।

    कहां मौजूद है लैब ?

    • केंद्रीय क्षेत्रीय कार्यालय प्रयोगशाला- साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र, साहिबाबाद
    • पूर्वी क्षेत्रीय कार्यालय प्रयोगशाला- कंकुरगाछी, कोलकाता
    • उत्तरी क्षेत्रीय कार्यालय प्रयोगशाला- औद्योगिक फोकल प्वाइंट, मोहाली
    • पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय प्रयोगशाला- अंधेरी (पूर्व), मुंबई
    • दक्षिणी क्षेत्रीय कार्यालय प्रयोगशाला- चेन्नई
    • बैंगलोर शाखा प्रयोगशाला
    • पटना शाखा प्रयोगशाला
    • गुवाहाटी शाखा प्रयोगशाला

     

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