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    दुनिया में भारत चौथा सबसे बड़ा पूंजी बाजार, निवेशकों के विश्वास को बढ़ाना हमारी प्राथमिकता- NSE सीईओ

    Updated: Mon, 09 Jun 2025 04:46 PM (IST)

    विकासशील भारत का मार्ग पूंजी बाजारों का योगदान के मुद्दे पर दिल्ली में आयोजित हुए एक खास कार्यक्रम में एनएसई के सीईओ विदेशी मिशन के प्रमुखों से मिले। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कुशल नेतृत्व में भारत वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा कैपिटल मार्केट बन गया है।

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    दिल्ली में आयोजित हुआ FPAP का यह खास कार्यक्रम

    नई दिल्ली। फाउंडेशन फॉर पब्लिक अवेयरनेस एंड पॉलिसी (FPAP) द्वारा एक पहल के तहत दिल्ली में राजनयिक समुदाय और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) एक खास विषय पर चर्चा की। इस डॉयलॉग का सब्जेक्ट था "विकसित भारत का मार्ग: पूंजी बाजारों का योगदान", जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में भारत के पूंजी बाजारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की गई। यह खास कार्यक्रम 9 जून, 2025 को दिल्ली में आयोजित हुआ।

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    इस प्रोग्राम में 'द फाउंडेशन फॉर पब्लिक अवेयरनेस एंड पॉलिसी' के उपाध्यक्ष डॉ. विजय चौथाईवाले ने कहा, "एफपीएपी में, दिल्ली में मिशन प्रमुखों के साथ हमारी बातचीत भारत की वैश्विक साझेदारी को मजबूत करती है। इस तरह की बातचीत सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ाती है और भारत के विकास पथ में सहायता करने वाली नीतियों को आकार देने में सक्षम बनाती है।

    'भारत बना चौथा सबसे बड़ा पूंजी बाजार'

    एनएसई के एमडी एवं सीईओ आशीष कुमार चौहान ने दिल्ली में विदेशी मिशन के प्रमुखों के साथ "विकासशील भारत का मार्ग: पूंजी बाजारों का योगदान" पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, "दिल्ली में मिशन प्रमुखों के साथ बातचीत भारत के पूंजी बाजारों को वैश्विक बेंचमार्क के रूप में स्थापित करने, आर्थिक कूटनीति और निवेशकों के विश्वास को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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    आशीष कुमार चौहान ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन (हांगकांग सहित) और जापान के बाद वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा कैपिटल मार्केट बन गया है।

    भारत का बाजार पूंजीकरण 11 वर्षों में 6 गुना से अधिक बढ़ गया है। मई 2014 तक यह 74 लाख करोड़ रुपये यानी 1.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर था जो आज लगभग 450 लाख करोड़ रुपये यानी 5.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। यह उछाल भारत सरकार, भारतीय उद्यमियों और देश के भविष्य में बढ़ते सार्वजनिक विश्वास को दर्शाता है।