NPS पर बड़ी खबर: पेंशन के बदले ले सकेंगे लोन, 80% तक एकमुश्त निकासी; मिलेंगे क्या-क्या फायदे?
NPS New Exit Rules 2025: पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने एनपीएस के एग्जिट नियमों में बदलाव किया है, जिससे सब्सक्राइबर पेंशन कॉर्प ...और पढ़ें
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NPS पर बड़ी खबर: पेंशन कॉर्पस पर मिलेगा लोन, 80% तक एकमुश्त निकासी; और मिलेंगे क्या-क्या फायदा?
NPS withdrawal rules 2025: रिटायरमेंट की बचत अब सिर्फ भविष्य की जरूरतों तक सीमित नहीं रहेगी। क्योंकि, पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नेशनल पेंशन स्कीम के एग्जिट नियमों में ऐसा बदलाव (PFRDA NPS exit rules 2025) किया है, जिससे सब्सक्राइबर जरूरत पड़ने पर अपने पेंशन कॉर्पस के बदले लोन (loan against NPS account) भी ले सकेंगे और निकासी से जुड़े नियम पहले से ज्यादा आसान हो गए हैं।
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने PFRDA (Exits and Withdrawals under the NPS) (Amendment) Regulations, 2025 को नोटिफाई किया है। इसके तहत अब NPS में निवेश करने वाले लोग किसी रेगुलेटेड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से वित्तीय मदद ले सकते हैं।
एनपीएस खाते पर चार्ज लगाने की अनुमति
नए नियमों के मुताबिक, लोन देने वाली संस्था को सब्सक्राइबर के एनपीएस खाते पर लियन (lien) या चार्ज लगाने की अनुमति होगी। हालांकि, यह सुविधा पूरी रकम पर नहीं मिलेगी। लियन की सीमा सब्सक्राइबर के अपने योगदान के अधिकतम 25% तक ही रखी गई है। यह वही सीमा है जो अभी आंशिक निकासी के लिए लागू है।
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अब तक नियम बहुत सख्त थे। एनपीएस से मिलने वाले फायदे पर किसी भी तरह का असाइनमेंट, गिरवी या चार्ज मान्य नहीं था, जब तक एनपीएस ट्रस्ट ने खास तौर पर इजाजत न दी हो। नए संशोधन में इस पाबंदी को सीमित रूप से आसान किया गया है, ताकि पेंशन बचत सुरक्षित रहे और जरूरत के समय उसका इस्तेमाल भी हो सके।
PFRDA ने यह भी साफ किया है कि इस नई सुविधा को जमीन पर उतारने के लिए अलग से विस्तृत गाइडलाइंस लाई जाएंगी। इनमें लेंडर्स, इंटरमीडियरी और रिकॉर्ड रखने वाली एजेंसियों के लिए प्रक्रियाएं और शर्तें तय की जाएंगी।
घर खरीदने और मेडिकल के लिए आंशिक निकासी में बदलाव
गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक, PFRDA ने आंशिक निकासी (NPS partial withdrawal rules) के अनुमत उद्देश्यों को भी तर्कसंगत बनाया है। घर खरीदने या बनाने के लिए आंशिक निकासी की मौजूदा व्यवस्था बनी रहेगी, बशर्ते सब्सक्राइबर के पास पहले से पैतृक संपत्ति के अलावा कोई घर न हो। इसे अब स्पष्ट रूप से 'वन-टाइम' (NPS house purchase withdrawal one-time) निकासी बताया गया है।
मेडिकल जरूरतों के लिए निकासी का दायरा काफी बढ़ा दिया गया है। पहले जहां कुछ चुनिंदा गंभीर बीमारियों (NPS medical withdrawal widened) की सूची थी, अब सब्सक्राइबर, जीवनसाथी, बच्चों या माता-पिता के इलाज या अस्पताल में भर्ती के लिए निकासी की अनुमति होगी, किसी खास बीमारी की सूची तय नहीं की गई है।
खुद का वेंचर शुरू करने जैसे उद्देश्य हटाए
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि, "स्किल डेवलपमेंट, री-स्किलिंग या सेल्फ-डेवलपमेंट एक्टिविटीज, और स्टार्ट-अप या खुद का वेंचर शुरू करने जैसे उद्देश्यों को पात्र सूची से हटा दिया गया है।"
इसके साथ ही एक नया उद्देश्य जोड़ा गया है। नोटिफिकेशन के अनुसार, "रेगुलेटेड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से लिए गए कर्ज के निपटाने के लिए, जो NPS अकाउंट पर लियन-चार्ज के खिलाफ हो, आंशिक निकासी की अनुमति दी गई है।"
नॉन-गवर्नमेंट सेक्टर और एग्जिट नियमों में राहत
- संशोधन को मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) पर भी लागू किया गया है और नॉन-गवर्नमेंट सेक्टर के नियमों को ऑल सिटीजन मॉडल के अनुरूप किया गया है।
- ऑल सिटीजन मॉडल के तहत पहले लागू 5 साल की न्यूनतम लॉक-इन अवधि को अब कॉमन स्कीम और MSF दोनों के लिए हटा दिया गया है।
- नॉर्मल एग्जिट के लिए वेस्टिंग पीरियड को बदलकर 15 साल या स्कीम में तय किसी अधिक अवधि तक, या 60 साल की उम्र तक (जो पहले हो) कर दिया गया है। पहले 60 साल तक वेस्टिंग अनिवार्य थी।
निकासी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव
अब नॉन-गवर्नमेंट एनपीएस सब्सक्राइबर कॉर्पस का 80% तक लमसम (NPS lump sum withdrawal 80%) निकाल सकते हैं और कम से कम 20% एन्युटी में लगाना अनिवार्य होगा। पहले यह सीमा 60% लमसम और कम से कम 40% एन्युटी थी। 12 लाख रुपए तक के कुल कॉर्पस वालों के लिए अलग विकल्प दिए गए हैं-
- 8 लाख रुपए तक के कॉर्पस पर 100% लमसम सिस्टमैटिक लमसम विथड्रॉल (SLW), सिस्टमैटिक विथड्रॉल रिक्वेस्ट (SUR) या अन्य स्वीकृत विकल्प चुने जा सकते हैं।
- 8 लाख रुपए से अधिक और 12 लाख रुपए तक के कॉर्पस में 6 लाख रुपए तक लमसम निकासी की अनुमति होगी।
80% लमसम और 20% एन्युटी का प्रावधान
बाकी राशि को कम से कम 6 साल के लिए सिस्टमैटिक विथड्रॉल रिक्वेस्ट (SUR), एन्युटी या अन्य स्वीकृत इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करना होगा। हालांकि, सामान्य नियम के तहत 80% लमसम और 20% एन्युटी का प्रावधान सभी कॉर्पस अमाउंट पर लागू रहेगा।
SOURCE- Egazette

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