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...और अब आपके बचत खाते में जीरो बैलेंस रहनेे पर भी नहीं लगेगी पेनाल्टी

आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि जिन खातों का बैलेंस शून्य हो गया है, उनमें न्यूनतम बैलेंस का रखरखाव नहीं करने संबंधी चार्ज न लगाएं।

By Anand RajEdited By: Published: Wed, 11 May 2016 11:43 AM (IST)Updated: Wed, 11 May 2016 03:14 PM (IST)
...और अब आपके बचत खाते में जीरो बैलेंस रहनेे पर भी नहीं लगेगी पेनाल्टी

मुंबई। अब आपका बचत खाता निगेटिव नहीं होगा। यानी उसमें शून्य से कम राशि नहीं होगी। न्यूनतम बैलेंस के रखरखाव की पेनाल्टी की वजह से ऐसी स्थिति बनती थी, लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ताजा निर्देशों के बाद अब ऐसा नहीं होगा।

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अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि जिन खातों का बैलेंस शून्य हो गया है, उनमें न्यूनतम बैलेंस का रखरखाव नहीं करने संबंधी चार्ज न लगाएं।

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हालांकि यह नियम पिछले साल से लागू है, लेकिन कुछ बैंक अब भी सेविंग्स खातों में निगेटिव बैलेंस की स्थिति खड़ी कर रहे थे। आरबीआई के मुताबिक, जीरो बैलेंस के बाद यदि कोई बैंक चार्ज लगाता है तो खाताधारक उसकी शिकायत कर सकता है।

बैंक अधिकारियों के मुताबिक, अधिकांश मामलों में ऐसा तब होता है जब खाताधारक अपनी नौकरी बदल लेता है और उसके सैलरी खाते में राशि आना बंद हो जाती है। हालांकि सैलरी खातों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं, लेकिन जब उनमें राशि आना बंद हो जाती है तो कुछ बैंक न्यूनतम राशि की शर्त लगा देते हैं।

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एक अंग्रेजी अखबार ने इस संबंध में जब एचटीएफसी बैंक से बात की तो बताया गया कि यह बैंक सेविंग्स खातों पर इस तरह की पेनाल्टी नहीं लगाता है। वहीं यदि कोई खाता निश्चित अवधि तक बंद रहा है तो उसे दोबारा चालू कराने के लिए भी कोई राशि नहीं वसूली जाती है। एक्सिस के साथ ही आईसीआईसीआई बैंक ने भी यही दावा किया है।

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