PM Kisan Yojana की 21वीं किस्त से पहले सरकार ने दी एक और खुशखबरी, किसानों को मिलेगी राहत; क्या होगा फायदा?
केंद्र सरकार ने किसानों को आश्वस्त किया है कि रबी सीजन में यूरिया की कोई कमी नहीं होगी। खरीफ 2025 के दौरान आयात में वृद्धि और घरेलू उत्पादन में सुधार से देश में पर्याप्त भंडार है। सरकार राज्यों को यूरिया वितरण में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निर्देशित करती है। पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त (PM Kisan Yojana 21st Installment) बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आने की संभावना है।

उत्पादन व आयात बढ़ाकर यूरिया का पर्याप्त बफर स्टाक तैयार, किसानों को समय पर मिलेगा उर्वरक।
नई दिल्ली| पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त से पहले केंद्र सरकार ने किसानों को आश्वस्त किया है कि रबी सीजन में यूरिया (urea fertilizer) की कोई किल्लत नहीं होगी। खरीफ 2025 के दौरान आयात में वृद्धि और घरेलू उत्पादन में सुधार से देश में पर्याप्त भंडार तैयार हो चुका है। अक्टूबर तक 68.85 लाख टन यूरिया का बफर स्टॉक है। एक महीने में 20 लाख टन बढ़ाया है।
मंत्रालय का दावा है कि समयबद्ध योजना, बढ़े हुए आयात और बेहतर वितरण तंत्र से किसानों को रबी के दौरान किसी तरह की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। खरीफ की बढ़ी मांग के बावजूद किसानों को पर्याप्त यूरिया दिया गया और अब रबी सीजन के लिए भी पर्याप्त बफर स्टाक मौजूद है।
उत्पादन-आयात में सुधार से आपूर्ति की स्थिरता
देश में घरेलू उत्पादन और आयात, दोनों में वृद्धि से यूरिया आपूर्ति का ढांचा मजबूत हुआ है। इस वर्ष अप्रैल से अक्टूबर के बीच भारत ने 58.62 लाख टन कृषि-ग्रेड यूरिया आयात किया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह मात्रा 24.76 लाख टन थी। आयात में यह वृद्धि न केवल खरीफ की मांग पूरी करने में कारगर रही, बल्कि रबी के लिए पर्याप्त भंडार तैयार करने में भी अहम साबित हुई।
अक्टूबर में घरेलू उत्पादन 26.88 लाख टन रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.05 लाख टन अधिक है। अप्रैल से अक्टूबर तक औसतन हर महीने 25 लाख टन यूरिया का उत्पादन हुआ। नवंबर-दिसंबर के लिए 17.5 लाख टन का आयात पहले ही तय है। मंत्रालय का मानना है कि इससे रबी के दौरान किसी भी संभावित दबाव से बचा जा सकेगा।
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राज्यों को पारदर्शिता और निगरानी बढ़ाने के निर्देश
केंद्र सरकार ने राज्यों को यूरिया के वितरण में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं। राज्यों को कहा गया है कि डाइवर्जन, जमाखोरी, तस्करी और काले बाजार जैसी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। कई राज्यों ने सब्सिडी वाले यूरिया की निगरानी के लिए डिजिटल और नवाचार आधारित उपकरणों का उपयोग शुरू किया है।
साथ ही, नमरूप और तलचर में दो नए यूरिया संयंत्र निर्माणाधीन हैं। प्रत्येक की वार्षिक क्षमता 12.7 लाख टन होगी। इनके शुरू होने से आने वाले वर्षों में देश की आयात पर निर्भरता घटेगी और यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में बड़ा कदम होगा।
खरीफ में समय पर होगी आपूर्ति
उर्वरक विभाग का दावा है कि खरीफ मौसम में किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराई गई। खरीफ के लिए 185.39 लाख टन यूरिया की जरूरत थी, जिसके विरुद्ध 230.53 लाख टन की सप्लाई की गई। हालांकि अच्छे मानसून और रकबे में वृद्धि के कारण बिक्री 193.20 लाख टन तक पहुंच गई। जाहिर है, पिछले वर्ष की तुलना में 4.08 लाख टन अधिक यूरिया का उपयोग किया गया।
खाते में कब आएंगे 2-2 हजार रुपए?
सरकार ने यह कदम पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त (PM Kisan Yojana 21st Installment) से पहले उठाया है। मीडिया रिपोर्ट्स में अनुमान है कि बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha Chunav 2025) से पहले किसानों के खाते में 21वीं किस्त के 2-2 हजार रुपए आ सकते हैं।

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