New labor codes: इन 10 तरह के कर्मचारियों को बड़ी राहत, सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को; जानें किसे क्या मिलेगा?
New Labour Laws 2025: नए श्रम कानूनों के लागू होने से कर्मचारियों को कई फायदे मिलेंगे। फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों के समान अधिकार मिलेंगे, और गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। महिलाओं को समान अवसर और सुरक्षित माहौल मिलेगा, वे नाईट शिफ्ट भी कर सकती हैं। आईटी, मीडिया और MSME सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी कई नए प्रावधान किए गए हैं, जिससे उन्हें बेहतर वेतन और सुरक्षा मिलेगी।

New labor codes: इन 10 तरह के कर्मचारियों को बड़ी राहत, सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को; जानें किसे क्या मिलेगा?
नई दिल्ली| देश में 21 नवंबर 2025 से चार नए लेबर कोड (new labour codes india 2025) लागू हो चुके हैं। इसके साथ ही 29 पुराने श्रम कानून (labour law reforms india) एक साथ खत्म हो गए। सरकार का दावा है कि इससे कर्मचारियों को समय पर वेतन, सुरक्षित कार्य वातावरण, बेहतर सामाजिक सुरक्षा, ग्रेच्युटी और बराबरी के अधिकार मिलेंगे। लाखों कर्मचारियों- चाहे वे स्थायी हों, कॉन्ट्रैक्ट पर हों, गिग वर्कर हों, मीडिया कर्मी हों या MSME में काम करने वाले हों, सभी को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
सवाल यह है कि आखिर किस कर्मचारी को क्या फायदा मिलेगा? किन सेक्टरों में बड़ा बदलाव आएगा? महिलाओं, युवाओं और खतरनाक उद्योगों में काम करने वालों के लिए क्या नए नियम हैं? चलिए एक-एक बात समझते हैं:
1. फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों (FTE) को क्या फायदा मिलेगा?
पहली बार फिक्स टर्म एम्पलॉयीज को स्थायी कर्मचारियों के बराबर अधिकार दे दिए गए हैं। उन्हें समान वेतन, समान छुट्टियां और समान मेडिकल व सोशल सिक्योरिटी मिलेगी। सबसे बड़ा फायदा अब सिर्फ 1 साल की नौकरी पर ग्रेच्युटी मिलेगी, जो अभी तक 5 साल होने पर मिलती थी। वेतन में कटौती रोकने और मनमानी खत्म करने के लिए कानूनी सुरक्षा भी दी गई है। इससे कंपनियां तय अवधि के काम के लिए लोगों को रख सकेंगी और कर्मचारी भी सुरक्षित महसूस करेंगे।
2. Blinkit-Zepto, Zomato-Swiggy, Ola-Uber जैसे प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले गिग वर्कर्स को क्या मिलेगा?
पहली बार सरकार ने गिग वर्कर, प्लेटफॉर्म वर्कर और एग्रीगेटर की कानूनी परिभाषा तय की है। एग्रीगेटर कंपनियों को अपने टर्नओवर का 1-2% सोशल सिक्योरिटी फंड में देना होगा। यह राशि उनके कुल भुगतान के 5% से अधिक नहीं होगी। हर वर्कर को एक आधार-लिंक्ड यूनिवर्सल अकाउंट नंबर मिलेगा, जिसकी मदद से वे देश में कहीं भी, राज्य बदलने पर भी अपना लाभ उठा सकेंगे। यह उन लाखों डिलीवरी बॉय, ड्राइवर और फ्रीलांसरों के लिए बड़ी राहत है जिन्हें पहले कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती थी।
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3. कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स के लिए क्या नए नियम बने?
हर कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी का फ्री वार्षिक हेल्थ चेक-अप अनिवार्य किया गया है। प्रिंसिपल एम्प्लॉयर को सोशल सिक्योरिटी देनी जरूरी होगी। फिक्स टर्म एम्पलॉयीज की तरह इन्हें भी 1 साल में ग्रेच्युटी मिलेगी। इससे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के शोषण और मनमानी हटाने में मदद मिलेगी।
4. महिलाओं के लिए कौन-कौन से बड़े फायदे आए?
नए नियम महिलाओं को समान अधिकार और सुरक्षित कार्य वातावरण देने पर फोकस करते हैं। जेंडर आधारित भेदभाव अब पूरी तरह गैर-कानूनी होंगे। महिलाएं अपनी सहमति से नाइट शिफ्ट, अंडरग्राउंड माइनिंग और हैवी मशीनरी ऑपरेशन कर सकती हैं। पहले कई जगहों पर यह प्रतिबंधित था। हर दफ्तर में महिला सदस्य वाली शिकायत समिति बनानी होगी। 'फैमिली' की परिभाषा बढ़ाकर ससुर-सास को भी शामिल किया गया। यह महिलाओं की नौकरी के अवसर और सुरक्षा बढ़ाने की ओर बड़ा कदम है।
5. IT और ITES कर्मचारियों को क्या फायदा?
आईटी सेक्टर में काम करने वालों के लिए नए नियम काफी राहत देने वाले हैं। हर कर्मचारी को 7 तारीख तक वेतन देना अनिवार्य। महिलाओं को नाइट शिफ्ट की मंजूरी, जिससे कमाई के ज्यादा मौके मिलेंगे। अपॉइंटमेंट लेटर देना अब सभी कंपनियों के लिए जरूरी होगा। वेतन विवाद और उत्पीड़न के मामलों में तेजी से कार्रवाई होगी।
6. मीडिया, डिजिटल और ऑडियो-विजुअल वर्कर्स को क्या मिलेगा?
पहली बार इस सेक्टर को भी मजबूत सुरक्षा दी गई है। सभी कर्मचारियों- पत्रकार, स्टंट आर्टिस्ट, डबिंग आर्टिस्ट को अपॉइंटमेंट लेटर अनिवार्य किया गया है। समय पर वेतन भुगतान और बिना सहमति ओवरटाइम की अनुमति नहीं होगी। साथ ही, ओवरटाइम पर डबल वेतन देना होगा।
7. युवाओं और नए जॉइनर्स के लिए क्या बदलाव?
पूरे देश में मिनिमम वेज लागू। हर नए कर्मचारी को अपॉइंटमेंट लेटर देना होगा, जिससे नौकरी रिकॉर्ड बनता है और धोखाधड़ी कम होती है। छुट्टी पर भी वेतन अनिवार्य कर दिया गया है। सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा तय फ्लोर वेज से नीचे किसी को भुगतान नहीं किया जा सकता।
8. MSME कर्मचारियों को क्या फायदा?
MSME सेक्टर में करोड़ों लोग काम करते हैं। अब सभी कर्मचारी सोशल सिक्योरिटी कोड के तहत आएंगे। मिनिमम वेज, पीने का पानी, कैन्टीन, रेस्ट एरिया सब अनिवार्य होगा। ओवरटाइम पर डबल वेतन मिलेगा। समय पर सैलरी देना कानूनी रूप से अनिवार्य होगा।
9. खतरनाक उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों को क्या सुरक्षा मिली?
हर कर्मचारी का फ्री हेल्थ चेक-अप। केंद्र सरकार सुरक्षा मानक तय करेगी। महिलाएं अब खतरनाक उद्योगों, माइनिंग और मशीनरी में भी काम कर सकती हैं। हर साइट पर सेफ्टी कमेटी जरूरी।
10. एक्सपोर्ट सेक्टर कर्मचारियों को क्या फायदा?
फिक्स टर्म एम्पलॉयीज को पीएफ, ग्रेच्युटी व अन्य लाभ मिलेंगे। अब 180 दिन काम पर सालाना अवकाश का अधिकार मिलेगा। समय पर वेतन और कोई अवैध कटौती नहीं होगी। महिलाएं नाइट शिफ्ट कर सकेंगी।
नए लेबर कोड का असर करोड़ों कर्मचारियों पर पड़ेगा। इनका मकसद है- कर्मचारियों को ज्यादा अधिकार, सुरक्षित नौकरी, समय पर वेतन और बेहतर कार्य परिस्थितियां देना। आने वाले महीनों में इनका प्रभाव अलग-अलग सेक्टरों में तेजी से दिखेगा।

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