New Labour Code: परमानेंट कर्मचारियों को भी क्या एक साल में मिलेगी ग्रेच्युटी? क्या है नए लेबर कोड की सच्चाई
New Labour Code 2025: 21 नवंबर 2025 से देश में नए श्रम कानून लागू हो गए हैं, जिससे कर्मचारियों की सैलरी और ग्रेच्युटी पर असर पड़ेगा। फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों को 1 साल में ग्रेच्युटी मिलेगी, लेकिन स्थायी कर्मचारियों के लिए स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। नए वेजेस कोड के अनुसार, सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव से ग्रेच्युटी की गणना पर भी असर पड़ेगा। सरकार का मकसद रोजगार व्यवस्था को सरल बनाना है।
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New Labour Code: परमानेंट कर्मचारियों को भी क्या एक साल में मिलेगी ग्रेच्युटी? क्या है नए लेबर कोड की सच्चाई
New Labour Code 2025: देश में 21 नवंबर 2025 से श्रम सुधारों का नया दौर शुरू हो गया है। केंद्र सरकार ने पहले लागू 29 श्रम कानूनों को हटाकर अब 4 नए लेबर कोड लागू कर दिए हैं- वेजेज कोड, सोशल सिक्योरिटी कोड, इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड वर्किंग कंडीशंस कोड। ये बदलाव सीधे तौर पर करोड़ों कर्मचारियों की सैलरी, पीएफ, ग्रेच्युटी, ओवरटाइम और छुट्टियों पर असर डालने जा रहे हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या परमानेंट कर्मचारियों को अब सिर्फ 1 साल नौकरी करने पर ग्रेच्युटी (permanent employees gratuity rules) मिलेगी?
फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत
अब तक ग्रेच्युटी पाने के लिए 5 साल की निरंतर सेवा अनिवार्य थी। लेकिन नए सोशल सिक्योरिटी कोड के तहत फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों को सिर्फ 1 साल काम करने पर भी ग्रेच्युटी मिलेगी। यह बदलाव लाखों युवाओं और प्रोजेक्ट-बेस्ड कर्मचारियों को सीधा फायदा देगा। कोड में साफ लिखा है कि फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं मिलेंगी और वे 1 साल सेवा के बाद ग्रेच्युटी के पात्र होंगे।
नियम के अनुसार, 1 साल में कम से कम 240 दिन काम करना जरूरी होगा, तभी कर्मचारी ग्रेच्युटी के लिए पात्र माना जाएगा। इसके साथ ही कंपनियों पर भी जिम्मेदारी बढ़ाई गई है। कंपनी को कर्मचारी के अंतिम कार्य दिवस (Last Working Day) से 30 दिन के भीतर ग्रेच्युटी का भुगतान करना होगा। देरी पर 10% सालाना ब्याज देना अनिवार्य होगा।
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क्या परमानेंट कर्मचारियों को भी 1 साल में ग्रेच्युटी मिलेगी?
कानून लागू होने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा इसी बिंदु पर है। फिलहाल कोड में 1 साल की ग्रेच्युटी (gratuity after 1 year) वाली छूट केवल फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों के लिए स्पष्ट रूप से लिखी गई है। स्थायी कर्मचारियों पर 5 साल वाली पुरानी शर्त लागू रहेगी या नहीं, इस पर सरकार की ओर से आधिकारिक स्पष्टीकरण अभी बाकी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब तक सरकार अलग से नोटिफिकेशन नहीं लाती, परमानेंट कर्मचारियों पर पुराना 5 साल वाला नियम ही लागू माना जाएगा।
सैलरी स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव ले क्या ग्रेच्युटी बढ़ेगी?
नए वेजेस कोड में 'वेज' की परिभाषा बदल दी गई है। अब CTC का कम से कम 50% हिस्सा वेज माना जाएगा। HRA, conveyance जैसे कई अलाउंस को सीमित कर दिया गया है। इसका सीधा असर ग्रेच्युटी की गणना पर पड़ेगा, क्योंकि इसका बेस वेज पर तय होता है। यानी ज्यादातर कर्मचारियों की ग्रेच्युटी राशि पहले से ज्यादा होगी।
कुल मिलाकर नए लेबर कोड का मकसद रोजगार व्यवस्था को सरल, पारदर्शी और एकरूप बनाना है। लेकिन ग्रेच्युटी को लेकर स्थायी कर्मचारियों के लिए स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है, और आगे सरकार की तरफ से अधिसूचना इस पर अंतिम तस्वीर तय करेगी।

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