रोटी-पनीर, बच्चों के ट्यूशन से महंगी दवाओं तक... 22 सितंबर से 15 तरह के इन सामानों पर नहीं लगेगा GST; देखें लिस्ट
3 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया। जिसमें 15 तरह के 35 से ज्यादा जरूरी सामान और सेवाओं पर GST पूरी तरह खत्म कर दिया गया। यानी अब दूध पनीर रोटी पराठा जैसे रोजमर्रा के खाने-पीने के सामान से लेकर बच्चों की पढ़ाई के लिए इस्तेमाल होने वाली कॉपियां पेंसिल इरेज़र और यहां तक कि कांच की चूड़ियों पर भी टैक्स नहीं लगेगा।

नई दिल्ली| 3 सितंबर को हुई जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया। जिसमें 15 तरह के 35 से ज्यादा जरूरी सामान और सेवाओं पर जीएसटी पूरी तरह खत्म कर दिया गया। यानी अब दूध, पनीर, रोटी, पराठा जैसे रोजमर्रा के खाने-पीने के सामान से लेकर बच्चों की पढ़ाई के लिए इस्तेमाल होने वाली कॉपियां, पेंसिल, इरेज़र और यहां तक कि कांच की चूड़ियों पर भी टैक्स नहीं लगेगा।
इसके अलावा जीवन और स्वास्थ्य बीमा, निजी ट्यूशन, कोचिंग सेंटर, चैरिटेबल अस्पताल सेवाएं और कई गंभीर बीमारियों की महंगी दवाओं को भी जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है। इन बदलावों का असर आम जनता की जेब पर सीधा देखने को मिलेगा।
खास बात यह है कि नए रेट 22 सितंबर (New GST rates) से लागू होंगे। यह तारीख नवरात्रि से मैच करती है। यानी अब आपके रोजमर्रा के खर्च कुछ हद तक कम हो सकते हैं। सरकार का मानना है कि इससे मध्यम वर्ग, छात्रों और मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। यह फैसला आम लोगों की जिंदगी को थोड़ा आसान बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
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इन 35 से ज्यादा सामानों पर जीरो हो गया है GST
कैंसर समेत 33 से ज्यादा ये जीवन रक्षक दवाएं टैक्स फ्री
जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक, सामान्य दवाओं पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। जबकि कैंसर और रेयर डिजीज से जुड़ी 33 लाइफ-सेविंग दवाओं को पूरी तरह टैक्स फ्री कर दिया गया है।
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलरों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि नई दरों को 22 सितंबर से लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।
नई दरों को लागू करने के लिए कंपनियों को दवाओं की पैकेजिंग पर बदलाव करना होगा और इसके लिए उन्हें ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेना अनिवार्य होगा।
1. ओनासेम्नोजीन एबेपरवोवेक (Onasemnogene abeparvovec)
2. एसीमिनिब (Asciminib)
3. मेपोलिज़ुमैब (Mepolizumab)
4. पेगिलेटेड लिपोसोमल इरिनोटेकन (Pegylated Liposomal Irinotecan)
5. डैराटुमुमैब (Daratumumab)
6. टेकलिस्टामैब (Teclistamab)
7. अमिवेंटामैब (Amivantamab)
8. अलेक्टिनिब (Alectinib)
9. रिस्डिप्लाम (Risdiplam)
10. ओबिनुटुज़ुमैब (Obinutuzumab)
11. पोलाटुज़ुमैब वेडोटिन (Polatuzumab vedotin)
12. एंट्रेक्टिनिब (Entrectinib)
13. एटेज़ोलिज़ुमैब (Atezolizumab)
14. स्पेसोलिमैब (Spesolimab)
15. वेलाग्लूसेरेज़ अल्फा (Velaglucerase Alpha)
16. एगाल्सिडेज़ अल्फा (Agalsidase Alfa)
17. रुरिओक्टोकॉग अल्फा पेगोल (Rurioctocog Alpha Pegol)
18. आइडुरसल्फ़ाटेस (Idursulphatase)
19. अल्ग्लूकोसिडेज़ अल्फा (Alglucosidase Alfa)
20. लारोनिडेज़ (Laronidase)
21. ओलिपुडेज़ अल्फा (Olipudase Alfa)
22. टेपोटिनिब (Tepotinib)
23. एवेलुमैब (Avelumab)
24. एमिसिज़ुमैब (Emicizumab)
25. बेलुमोसुडिल (Belumosudil)
26. मिग्लुस्टैट (Miglustat)
27. वेलमानेस अल्फा (Velmanase Alfa)
28. एलिरोक्यूमैब (Alirocumab)
29. एवोलोक्यूमैब (Evolocumab)
30. सिस्टामाइन बाइटीरेट (Cystamine Bitartrate)
31. सी1-इनहिबिटर इंजेक्शन (C1-Inhibitor Injection)
32. इंक्लिसिरान (Inclisiran)
33. एगाल्सिडेज़ बीटा
34. इमीग्लूसेरेज़
35. एप्टाकॉग अल्फा
बता दें कि अभी तक इन पर 12 फीसदी और 5 फीसदी जीएसटी लगता है।
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