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    सिगरेट समेत तंबाकू प्रोडक्ट्स होंगे महंगे, बढ़ेगा टैक्स? सरकार ने पेश किए 2 नए कानून, समझें इसके मायने

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 01:44 PM (IST)

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 1 दिसंबर को तंबाकू और तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क लगाने तथा पान मसाला विनिर्माण पर एक नया उपकर लगाने संबंधी दो विधेयक पेश किये। यह उपकर, तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पादों पर जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर का स्थान लेंगे।

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    नई दिल्ली। क्या सिगरेट समेत अन्य तंबाकू प्रोडक्ट्स (Tax on Tobacco and Pan Masala) पर टैक्स बढ़ जाएगा, क्या ये उत्पाद और महंगे हो जाएंगे? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि केंद्र सरकार पान मसाला प्रोडक्ट्स पर एक नया उपकर लगाने संबंधी विधेयक लेकर आई है। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में तंबाकू और तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क लगाने तथा पान मसाला विनिर्माण पर एक नया उपकर लगाने संबंधी दो विधेयक पेश किये। यह उपकर, तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पादों पर जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर का स्थान लेगा।

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    केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025, जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर का स्थान लेगा, जो वर्तमान में सिगरेट, चबाने वाले तंबाकू, सिगार, हुक्का, जर्दा और सुगंधित तंबाकू जैसे सभी तंबाकू उत्पादों पर लगाया जाता है।

    सरकार क्यों लाई यह कानून

    सरकार के इस विधेयक का उद्देश्य "जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने के बाद, टैक्स को संरक्षित करने के लिए सरकार को तंबाकू और तंबाकू उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क की दर बढ़ाने के लिए राजकोषीय गुंजाइश प्रदान करना है।" स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025, पान मसाला जैसी विशिष्ट वस्तुओं के उत्पादन पर उपकर लगाने का प्रावधान करता है। तंबाकू और पान मसाला जैसी हानिकारक वस्तुओं पर वर्तमान में 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है, साथ ही विभिन्न दरों पर क्षतिपूर्ति उपकर भी लगता है।

    कब से लागू होंगी नई दरें?

    क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने के बाद, तंबाकू और संबंधित उत्पादों की बिक्री पर 40 प्रतिशत जीएसटी और उत्पाद शुल्क लगेगा, जबकि पान मसाला पर 40 प्रतिशत जीएसटी और स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर लगेगा। केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक में सिगार/चुरूट/सिगरेट पर प्रति 1,000 स्टिक पर 5,000 रुपये से 11,000 रुपये तक उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, इसमें अनिर्मित तंबाकू पर 60-70 प्रतिशत और निकोटीन व साँस लेने वाले उत्पादों पर 100 प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव है।

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    केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक, 2025 और स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 यह सुनिश्चित करेंगे कि क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने के बाद भी तंबाकू और पान मसाला जैसी हानिकारक वस्तुओं पर कर की दर समान बनी रहे। हालांकि, सिगरेट समेत अन्य तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ेगा इस पर फिलहाल कोई स्पष्टता नहीं है।

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