विकसित देश जैसी स्वास्थ्य सुविधा के लिए डॉक्टरों और बिस्तरों की संख्या में करनी होगी बढ़ोतरी : फिक्की EY की रिपोर्ट
वर्ष 2014 के बाद हर साल 5.9 प्रतिशत की दर से मेडिकल कॉलेज की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2005 में देश में एलोपैथ के पंजीकृत डॉक्टरों की संख्या 660801 थी जो वर्ष 2022 में बढ़कर 1308009 हो गई। वर्ष 2014-15 में 398 मेडिकल कॉलेज थे और इन कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए 45456 सीटें थी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य तय किया है, लेकिन स्वास्थ्य सेक्टर में इस दिशा में काफी काम करने की जरूरत है। औद्योगिक संगठन फिक्की और रिसर्च एजेंसी ईवाई की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में विकसित देशों की तरह स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए डाक्टर, नर्स की संख्या के साथ अस्पताल में बिस्तर की संख्या में भारी बढ़ोतरी करनी होगी।
विकसित देशों में उपलब्ध सुविधा के पास पहुंचने के लिए अस्पतालों में 30 लाख बिस्तर जोड़ने होंगे तो नर्सों की संख्या 1.25-1.5 करोड़ तक पहुंचानी होगी। डॉक्टरों की संख्या को भी 50 लाख के पार ले जाने की आवश्यकता है।
सभी जिलों में बनाने होंगे मेडिकल कॉलेज
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021 में देश भर में 60, 621 सरकारी अस्पताल थे जहां बिस्तरों की संख्या 8, 49,206 थी। वैसे ही, वर्ष 2022 में देश में 36,14,000 नर्स तो 13,08,009 एलोपैथ डॉक्टर पंजीकृत थे। रिपोर्ट के मुताबिक विकसित देश बनने के लिए देश के सभी जिलों में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना करनी होगी और लोगों की जेब पर दवा खर्च का भार कम करना होगा। देश की 100 प्रतिशत आबादी को हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में लाना होगा। हालांकि पिछले 10 सालों में स्वास्थ्य सुविधा के प्रति सरकारी खर्च बढ़ने के साथ अस्पताल, डॉक्टर, नर्स जैसी तमाम स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2003-04 में जीडीपी का 0.9 प्रतिशत हेल्थ केयर पर खर्च किया गया जो वर्ष 2014-15 में जीडीपी का 1.2 प्रतिशत हो गया। वर्ष 2022-23 में यह खर्च जीडीपी के 2.3 प्रतिशत तक पहुंच गया। स्वास्थ्य सुविधा में बढ़ोतरी का यह परिणाम हुआ कि वर्ष 2013-14 से वर्ष 2022-23 के दौरान इलाज के लिए अपनी जेब की क्षमता से बाहर जाकर किए जाने वाले खर्च में 20 प्रतिशत की कमी आई।
वर्ष 2014 के बाद हर साल 5.9 प्रतिशत की दर से मेडिकल कॉलेज की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2005 में देश में एलोपैथ पंजीकृत डॉक्टरों की संख्या 6,60,801 थी जो वर्ष 2022 में बढ़कर 13,08,009 हो गई। वर्ष 2014-15 में 398 मेडिकल कॉलेज थे और इन कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए 45,456 सीटें थी। वर्ष 2023-24 में मेडिकल कॉलेज की संख्या 706 तक पहुंच गई और इन कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए 1,09,145 सीट है।
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