2025 में सोना-चांदी खरीदती रह गई दुनिया, लेकिन सबसे ज्यादा बढ़ी इस धातु की कीमत, सप्लाई संकट से और बढ़ेंगे दाम
सोने-चांदी को पीछे छोड़ते हुए प्लैटिनम 2025 में सबसे बेहतर कमाई कराने वाली धातु बन गई है। क्योंकि, इस साल प्लैटिनम फ्यूचर्स की कीमतें दोगुनी से ज़्याद ...और पढ़ें
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नई दिल्ली। इन्वेस्टमेंट और रिटर्न के लिहाज से साल 2025 में लोगों के बीच सोने और चांदी (Gold-Silver Return) का बोलबाला रहा है। जहां, सोने ने 70 फीसदी का रिटर्न दिया तो चांदी 140% तक चढ़ी लेकिन इन दोनों धातुओं को एक अन्य मेटल ने पीछे छोड़ दिया। दरअसल, कमोडिटी मार्केट में प्लैटिनम साल 2025 में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली कीमती धातु बनकर उभरी है। क्योंकि, इसने एक साल के अंदर 160 फीसदी तक रिटर्न डिलीवर किया है।
2025 में प्लैटिनम फ्यूचर्स की कीमतें दोगुनी से ज़्यादा हो गई हैं, साल की शुरुआत में कीमतें $1,000 प्रति औंस से कम थीं और हाल ही में यह $2,300 से ज़्यादा के शिखर पर पहुंच गईं, जो इस साल अब तक लगभग 160% की बढ़ोतरी है।
प्लैटिनम में कब आई बड़ी तेजी?
प्लैटिनम के शेयरों में यह तेजी खासतौर पर नवंबर में ज्यादा रही है। साल की शुरुआत में, प्लैटिनम $1,000 प्रति औंस से नीचे ट्रेड कर रहा था, लेकिन अब कीमतें पहली बार $2,350 प्रति औंस से ऊपर पहुंच गई हैं। ऐसे में इस साल अब तक प्लैटिनम की कीमतों में लगभग 160 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
प्लैटिनम में तेजी के बड़े कारण क्या हैं?
प्लैटिनम की कीमत में इस ज़बरदस्त बढ़ोतरी के कुछ खास कारण हैं। इनमें से एक प्रमुख कारण यह है कि चांदी की तरह प्लैटिनम के भी कई इंडस्ट्रियल इस्तेमाल हैं।
प्लैटिनम (platinum demand) की एक मुख्य मांग ऑटोमोटिव इंडस्ट्री से आती है। हालांकि इसका इस्तेमाल हाइड्रोजन फ्यूल सेल और इलेक्ट्रिक गाड़ियों में इसकी कैटेलिटिक और कंडक्टिव प्रॉपर्टीज़ के लिए किया जाता है, यह गाड़ियों में पेट्रोल और डीजल कैटेलिटिक कन्वर्टर में कैटेलिस्ट के तौर पर भी काम करता है।
इसके अलावा, प्लैटिनम का इस्तेमाल सोने और चांदी समेत फाइन ज्वेलरी में इसकी असाधारण ड्यूरेबिलिटी, नेचुरल सफेद चमक और हाइपोएलर्जेनिक गुणों के लिए किया जाता है, और अक्सर मज़बूती के लिए इन धातुओं में मिलाया जाता है।
वर्ल्ड प्लैटिनम इन्वेस्टमेंट काउंसिल के अनुसार, पिछले पांच सालों में प्लैटिनम की कुल मांग में से 29 से 42 प्रतिशत हिस्सा अकेले ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की मांग का रहा है। इसका इस्तेमाल कई दूसरी इंडस्ट्रीज़ में भी होता है।
क्या और बढ़ेंगे प्लैटिनम के दाम?
इस साल प्लैटिनम की डिमांड ज्यादा रही लेकिन सप्लाई कम रही। प्लैटिनम की सप्लाई का एक बड़ा हिस्सा साउथ अफ्रीका की खदानों से आता है। वहां सप्लाई में दिक्कतों के कारण, प्लैटिनम में लगातार तीसरे साल सप्लाई की कमी होने की संभावना है। इससे प्लैटिनम की कीमत पर भी ऊपर की ओर दबाव पड़ रहा है।
केडिया एडवाइजरी के फाउंडर अजय केडिया की मानें तो प्लैटिनम में तेज़ी का रुख जारी रहने की संभावना है, और आने वाले हफ़्तों में इस धातु की कीमतें $2,649–$2,700 के ज़ोन को टेस्ट कर सकती हैं।
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वर्ल्ड प्लैटिनम इन्वेस्टमेंट काउंसिल के अनुसार, 2025 में सप्लाई में 2 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है, जो 7,129 koz (हजार औंस) हो जाएगी। दूसरी ओर, ऑटोमोटिव डिमांड में पिछले पांच साल के औसत से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान है, और ज्वेलरी की डिमांड में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कुल बार और कॉइन इन्वेस्टमेंट में चीन में डिमांड के कारण साल-दर-साल 47 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

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