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    मूडीज ने भारत की रेटिंग को BAA3 पर स्थिर दृष्टिकोण के साथ रखा बरकरार, क्या है इसका मतलब

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 04:37 PM (IST)

    मूडीज रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालिक स्थानीय और विदेशी मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग को बीएए3 पर बरकरार रखा है साथ ही दृष्टिकोण को स्थिर बनाए रखा है। एजेंसी ने कहा कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और मजबूत बाहरी स्थिति ऋण क्षमताओं को बनाए रखेंगी। हालांकि राजकोषीय कमजोरियां उच्च ऋण बोझ और सीमित राजस्व आधार चिंता का कारण बने हुए हैं।

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    स्थानीय मुद्रा वरिष्ठ असुरक्षित रेटिंग, उधारकर्ता की असुरक्षित ऋण चुकाने की क्षमता को दर्शाती है।

    नई दिल्ली। मूडीज रेटिंग्स ने सोमवार को भारत के लिए 'स्थिर' परिदृश्य के साथ दीर्घकालिक स्थानीय और विदेशी मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग और स्थानीय मुद्रा वरिष्ठ असुरक्षित रेटिंग को बीएए3 पर बरकरार रखा। स्थानीय-मुद्रा और विदेशी-मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग, किसी देश की समग्र ऋण-पात्रता और दायित्वों को पूरा करने की क्षमता को बताती है।

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    वहीं स्थानीय मुद्रा वरिष्ठ असुरक्षित रेटिंग, उधारकर्ता की असुरक्षित ऋण चुकाने की क्षमता को दर्शाती है। यह कर्ज लेने वाले की अपनी मुद्रा में ऐसा ऋण होता है जिसके लिए कोई गारंटी नहीं होती। इसके साथ वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने भारत की अन्य अल्पकालिक स्थानीय मुद्रा रेटिंग को भी पी-3 पर कायम रखा। 

    एक बयान में कहा गया, ''रेटिंग की पुष्टि और स्थिर परिदृष्य हमारे इस विचार को दर्शाते हैं कि भारत की मौजूदा ऋण क्षमताएं बनी रहेंगी। इनमें देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, मजबूत बाहरी स्थिति और मौजूदा राजकोषीय घाटे के लिए स्थिर घरेलू वित्तपोषण आधार शामिल है।''

     रिपोर्ट में कहा गया कि ये मजबूती प्रतिकूल बाहरी रुझानों के प्रति लचीलापन प्रदान करती है, खासकर जब उच्च अमेरिकी शुल्क और अन्य अंतरराष्ट्रीय नीतिगत उपाय भारत की विनिर्माण निवेश आकर्षित करने की क्षमता में बाधा डालते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत की ऋण क्षमता राजकोषीय पक्ष की दीर्घकालिक कमजोरियों से संतुलित है। 

    इसके मुताबिक अच्छी जीडीपी वृद्धि और क्रमिक राजकोषीय मजबूती सरकार के उच्च ऋण बोझ में बहुत कम कमी कर पाएगी। निजी उपभोग को बढ़ावा देने के हाल के राजकोषीय उपायों ने सरकार के राजस्व आधार को कम कर दिया है।

    रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की दीर्घकालिक स्थानीय-मुद्रा (एलसी) बॉन्ड सीमा ए2 पर अपरिवर्तित बनी हुई है और इसकी दीर्घकालिक विदेशी-मुद्रा (एफसी) बॉन्ड सीमा ए3 पर अपरिवर्तित बनी हुई है। इससे पहले 14 अगस्त को, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की सरकारी साख को 'बीबीबी-' से एक पायदान बढ़ाकर 'बीबीबी' कर दिया था।