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    मसूर दाल की महंगाई से जल्द मिलेगी राहत, सरकार ने उठाए ये महत्वपूर्ण कदम

    केंद्र सरकार ने सोमवार को मसूर दाल पर आयात शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया। इसके साथ ही मसूर दाल पर एग्री इन्फ्रा डेलवपमेंट सेस को घटाकर भी आधा कर दिया है। इस दाल पर सरकार ने एग्री इन्फा डेवलपमेंट सेस को 10 फीसद पर ला दिया है।

    By Ankit KumarEdited By: Updated: Mon, 26 Jul 2021 02:06 PM (IST)
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    सरकार ने कीमतों में तेजी को थामने के लक्ष्य के साथ यह कदम उठाया है।

    नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार ने सोमवार को मसूर दाल पर आयात शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया। इसके साथ ही मसूर दाल पर एग्री इन्फ्रा डेलवपमेंट सेस को घटाकर भी आधा कर दिया है। इस दाल पर सरकार ने एग्री इन्फा डेवलपमेंट सेस को 10 फीसद पर ला दिया है। सरकार ने घरेलू स्तर पर सप्लाई को बढ़ावा देने और कीमतों में तेजी को थामने के लक्ष्य के साथ यह कदम उठाया है। राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे संबंधित अधिसूचना को सदन के पटल पर रखा।

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    वित्त मंत्री ने दी ये जानकारी

    मंत्री ने कहा कि अमेरिका को छोड़कर किसी भी अन्य दस से आयातित मसूर दाल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 10 फीसद से घटाकर शून्य कर दिया गया है। इसके साथ अमेरिका से आयातित मसूर दाल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 30 फीसद से घटाकर 20 फीसद कर दिया गया है। सीतारमण ने बताया कि मसूर दाल पर एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस को 20 फीसद की मौजूदा दर से घटाकर 10 फीसद कर दिया गया है।

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    मसूर दाल के भाव में आई है ये तेजी

    उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा मेंटेन किए जाने वाले डेटा के मुताबिक एक अप्रैल को मसूर दाल की कीमत 70 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी। वर्तमान में इस दाल का भाव 30 फीसद के इजाफे के साथ 100 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है।

    दालों के शॉर्टेज की आशंका

    India Grains and Pulses Association (IGPA) के वाइस चेयरमैन बिमल कोठारी ने इस महीने की कहा था, ''भारत को वार्षिक आधार पर 2.5 करोड टन दाल की जरूरत है। लेकिन इस साल हमें शॉर्टेज की आशंका है।''

    सरकार ने चालू वित्त वर्ष में एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए पेट्रोल, डीजल, सोना और कुछ आयातित कृषि उत्पादों पर एग्री इन्फ्रा एंड डेवलपमेंट सेस (AIDC) लगाया है।