टैरिफ विवाद पर ट्रंप से भी आगे निकली ये अमेरिकी सांसद, दे डाली ऐसी धमकी; टूट सकता है लाखों भारतीयों का सपना?
अमेरिकी सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने कहा कि भारत के लिए H-1B वीजा (H-1B visa) खत्म कर देना चाहिए। क्योंकि ये अमेरिकी नौकरियां छीन रहे हैं। ग्रीन के इस बयान ने अमेरिका में भारतीय छात्रों और प्रोफेशनल्स के बीच तनाव पैदा कर दिया है। साथ ही इमिग्रेशन और नौकरी के मुद्दे पर बहस को फिर से हवा दे दी है।

नई दिल्ली| H-1B Visa : टैरिफ कंट्रोवर्सी के बीच अमेरिकी सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने भारत को बड़ी धमकी दी। उन्होंने कहा कि "भारत के लिए H-1B वीजा खत्म कर देना चाहिए। क्योंकि, ये अमेरिकी नौकरियां छीन रहे हैं।" ग्रीन (Marjorie Taylor Greene) के इस बयान ने अमेरिका में भारतीय छात्रों और प्रोफेशनल्स के बीच तनाव पैदा कर दिया है। साथ ही, इमिग्रेशन और नौकरी के मुद्दे पर बहस को फिर से हवा दे दी है।
ग्रीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने ट्रम्प (Trump Tariffs) की उस मांग को समर्थन दिया, जिसमें भारत से आने वाले सामान पर भारी टैरिफ लगाने की बात कही गई थी। ये मांग भारत के रूस से तेल खरीदने की वजह से थी। ग्रीन ने ट्रम्प का बयान पोस्ट करते हुए कहा कि "अमेरिकी नौकरियों को रिप्लेस करने वाले भारतीयों का H-1B वीजा खत्म करो।"
End Indian H1-B visas replacing American jobs instead and stop funding and sending weapons to the Obama/Biden/Neocon Ukraine Russia war. pic.twitter.com/u4Q1dX4bo6
— Rep. Marjorie Taylor Greene🇺🇸 (@RepMTG) August 4, 2025
अमेरिकी सांसद का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी पोस्ट में भारत पर आरोप लगाया कि वो रूस से "बड़ी मात्रा में" तेल खरीद रहा है और उसे बेचकर "मोटा मुनाफा" कमा रहा है।
यह भी पढ़ें- अमेरिका की यात्रा के लिए अब भरना पड़ेगा 13 लाख रुपए तक का बॉन्ड, ट्रम्प सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?
उन्होंने कहा कि भारत को यूक्रेन में रूसी हमलों से मरने वालों की कोई परवाह नहीं है। इसके जवाब में ट्रम्प ने भारत के सामान पर "भारी" टैरिफ लगाने की धमकी दी। इससे पहले भी उन्होंने भारतीय सामान पर 25% टैरिफ लगाया था।
H-1B में बदलाव करने की सोच रहा अमेरिका?
यूएस सांसद ग्रीन का बयान रिपब्लिकन पार्टी में H-1B सिस्टम में सुधार की मांग का हिस्सा है। ट्रंप प्रशासन के नए USCIS डायरेक्टर जोसेफ एडलो ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि वीजा चयन प्रक्रिया को बदलना चाहिए। साथ ही, ज्यादा सैलरी और अनुभव वालों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
एडलो ने कहा था कि "अमेरिकी नागरिकता का टेस्ट बहुत आसान है।" उन्होंने मौजूदा H-1B लॉटरी सिस्टम की आलोचना भी की थी और कहा था कि इसे सैलरी आधारित चयन में बदला जाना चाहिए। इससे नए प्रोफेशनल्स को नुकसान होने की आशंका है।
क्या है H-1B वीजा?
अमेरिका का H-1B वीजा प्रोग्राम अमेरिकी कंपनियों को IT, इंजीनियरिंग, फाइनेंस और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में स्किल्ड विदेशी कर्मचारियों को नौकरी देने की इजाजत देता है। 2024 में यूएस सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विस (USCIS) के मुताबिक, करीब 70% H-1B वीजा भारतीयों को मिले।
भारतीय छात्रों के लिए ये वीजा अमेरिकी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) के बाद अगला कदम होता है। ये लंबे समय की नौकरी और स्थायी निवास (PR) का रास्ता माना जाता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।