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    Legal Metrology Act: बाट-माप कानून की आड़ में नहीं हो सकेगा व्यापारियों का उत्पीड़न, आज है राष्‍ट्रीय कार्यशाला

    By Manish MishraEdited By:
    Updated: Mon, 09 May 2022 07:44 AM (IST)

    Legal Metrology Act लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के कई प्राविधानों को लेकर उद्योग व व्यापार संगठन लगातार अपनी आपत्तियां जताते आ रहे हैं जिसमें जानकारी के अभाव में होने वाली छोटी-छोटी गलतियों पर भी सख्त दंड के प्राविधान हैं।

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    Legal Metrology Act: Harassment of traders will not be possible under the guise of weight-measurement law

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार लीगल मेट्रोलॉजी अधिनियम के कड़े प्राविधानों को उद्योग व व्यापार के लिहाज से सहज व तर्कसंगत बनाएगी। इससे व्यापारियों का उत्पीड़न रोकने में मदद मिलेगी। लेकिन इसके साथ ही उपभोक्ताओं के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उपभोक्ता मामले विभाग ने इसके लिए तैयार संशोधन प्रस्तावों पर राज्य सरकार और उद्योग व्यापार के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श के लिए एक दिन की राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया है। इसमें उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में काम करने वाली गैर सरकारी संगठनों को भी बुलाया गया है। लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के कई प्राविधानों को लेकर उद्योग व व्यापार संगठन लगातार अपनी आपत्तियां जताते रहे हैं, जिसमें जानकारी के अभाव में होने वाली छोटी-छोटी गलतियों पर भी सख्त दंड के प्राविधान हैं। इसे लेकर उपभोक्ता मंत्रालय ने एक प्रस्ताव तैयार कर सभी राज्यों को अपनी राय देने के लिए भेजा था। इसमें बताया गया है कि व्यापार की कुप्रथाओं को समाप्त करना सरकार की प्राथमिकता है। लेकिन इस कानून की आड़ में व्यापारियों का उत्पीड़न भी रोकना है।

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    दरअसल, लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के मौजूदा प्राविधानों में पहली बार कानून का उल्लंघन हो जाने पर भारी जुर्माना और जेल तक की सजा है। सरकार की मंशा इस तरह के सख्त प्राविधानों को खत्म करना नहीं बल्कि उसे तर्कसंगत बनाने की है। लेकिन उपभोक्ताओं के साथ नाइंसाफी भी नहीं होनी चाहिए और कानून का बेजा इस्तेमाल कर व्यापारियों के साथ होने वाले अनुचित व्यवहार को भी रोकना होगा। इस मसले पर राज्यों और उपभोक्ता संगठनों को भी अपनी राय देने के लिए आज होने वाली कार्यशाला में आमंत्रित किया गया है। सरकार का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाएं मुहैया कराना है। विश्व बाजार में अपनी उच्च गुणवत्ता के सहारे ही टिका जा सकता है।

    दरअसल, कानून की अवहेलना करने को लेकर प्राप्त आंकड़ों के अध्ययन के सहारे इनमें संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट का पहली बार उल्लंघन करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा मिलती है। जबकि दूसरी व तीसरी बार गलती करने वालों की संख्या न के बराबर हो जाती है। लेकिन मौजूदा कानून में पहली गलती पर ही जरूरत से ज्यादा कड़े प्राविधान किए गए हैं। इसमें और सुधार के लिए व्यापारियों और उपभोक्ताओं के बीच जागरुकता अभियान भी चलाने पर फैसला किया जा सकता है।