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    2 लाख रुपए के नकद लेन-देन की सीमा इन 5 जगहों पर नहीं होती लागू, जानिए

    By Praveen DwivediEdited By:
    Updated: Wed, 05 Jul 2017 07:45 AM (IST)

    वित्त कानून 2017 के तहत 2 लाख रुपए से ऊपर का लेन-देन प्रतिबंधित है लेकिन इसमें पांच इकाइयों को छूट भी दी गई है

    2 लाख रुपए के नकद लेन-देन की सीमा इन 5 जगहों पर नहीं होती लागू, जानिए

    नई दिल्ली (जेएनएन)। आयकर विभाग की ओर से सोमवार को जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक आप अपनी पूरी कर्ज राशि किसी भी एचएफसी (हाउसिंग फाइनेंस कंपनी) और एनबीएफसी (नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) को नकदी में चुका सकते हैं, लेकिन आपकी ओर से दिया गया हर इंस्टॉलमेंट 2 लाख रुपए से कम होना चाहिए। आपको बता दें कि हालिया बजट के बाद अमल में आए एक नए आयकर कानून के मुताबिक 2 लाख रुपए से अधिक के नकद लेनदेन को अवैध माना जाएगा और ऐसा करने पर जुर्माने का भी प्रावधान है।

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    इस कानून ने लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है कि क्या लोन की एक किश्त दो लाख से कम होनी चाहिए या फिर लोन की पूरी राशि दो लाख से ज्यादा होने पर आप पर जुर्माना लगाया जाएगा। इसी भ्रम को देखते हुए वित्त मंत्रालय की ओर से 3 जुलाई 2017 को एक सर्कुलर जारी कर बताया गया कि नकद भुगतान के मामलें में इस तरह की बंदिश सिर्फ एकल लोन किश्त (सिंगल लोन इंस्टॉलमेंट) पर ही लागू है पूरे लोन की राशि पर नहीं।

    कहां-कहां लागू नहीं होती 2 लाख नकद लेन-देन की सीमा:

    राजस्व विभाग की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान पर 2 लाख रुपए की नगद लेन-देन की सीमा लागू नहीं होगी। इसके अलावा बैंकों की ओर से नियुक्त बैंक प्रतिनिधि तथा प्रीपेड उत्पाद जारी करने वालों पर भी यह सीमा लागू नहीं होगी। आपको बता दें कि वित्त कानून 2017 के तहत एक अप्रैल 2017 से 2 लाख रुपए या उससे अधिक के नगद लेन-देन पर पाबंदी है। हालांकि कुछ मामलों में छूट दी गई है। आयकर विभाग ने एक अधिसूचना के जरिये इस धारा से पांच इकाइयों को छूट दी है।

    जानें किन जगहों पर नकदी लेन-देन की सीमा लागू नहीं होती...

    • बैंक या सहकारी बैंकों की तरफ से बैंक प्रतिनिधि की ओर से मिली राशि।
    • क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनी या संस्थान की ओर से बिलों के भुगतान के एवज में प्राप्त रकम।
    • धारा 269 एसटी के तहत प्री-पेड भुगतान के उत्पाद जारी करने वालों की ओर से एजेंट से प्राप्त रकम।
    • खुदरा केंद्रों (आउटलेट) से व्हाइट लेबल एटीएम परिचालक की ओर से प्राप्त राशि।
    • आयकर कानून, 1961 की धारा (17ए) के तहत कुल आय में शामिल नहीं होने वाली रकम।