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    केसी चक्रबर्ती का आरबीआइ डिप्टी गवर्नर पद से इस्तीफा

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    Updated: Fri, 21 Mar 2014 01:08 AM (IST)

    भारतीय रिजर्व बैंक [आरबीआइ] के डिप्टी गवर्नर केसी चक्रबर्ती ने एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम के तहत अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। चक्रबर्ती का कार्यकाल तीन माह बाद ही समाप्त होने वाला था। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि चक्रबर्ती ने कार्यकाल समाप्त होने से पहले पदमुक्त होने का निवेदन किया है। उन्होंने निजी कारणों के चलते 25 अप्रैल स

    नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक [आरबीआइ] के डिप्टी गवर्नर केसी चक्रबर्ती ने एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम के तहत अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। चक्रबर्ती का कार्यकाल तीन माह बाद ही समाप्त होने वाला था।

    एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि चक्रबर्ती ने कार्यकाल समाप्त होने से पहले पदमुक्त होने का निवेदन किया है। उन्होंने निजी कारणों के चलते 25 अप्रैल से पदमुक्त होने का आवेदन दिया है। 62 वर्षीय चक्रबर्ती वर्ष 2009 में आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर नियुक्त हुए थे। वह आर्थिक मसलों पर खुलकर अपना पक्ष रखने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक [एसबीआइ] के पूर्व चेयरमैन से उनकी बहस सुर्खियों में रही थी। इसके अलावा नकद आरक्षित अनुपात [सीआरआर] को मौद्रिक प्रबंधन का उपकरण बनाए रखने के समर्थन में वह आक्रामक तरीके से अपना पक्ष रखते रहे हैं।

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    चक्रबर्ती आरबीआइ के मौजूदा चार डिप्टी गवर्नरों में सबसे वरिष्ठ हैं। अचानक लिए गए इस्तीफे के इस फैसले का कारण जानने के लिए फिलहाल उनसे संपर्क नहीं हो पाया है। चक्रबर्ती को 15 जून 2009 को तीन साल के लिए डिप्टी गवर्नर नियुक्त किए जाने के बाद उन्हें दो साल का सेवा विस्तार दिया गया था। उनका कार्यकाल 15 जून 2014 को समाप्त होना है। इसके चलते वित्त मंत्रालय पहले ही आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन की अध्यक्षता में नए डिप्टी गवर्नर के चयन के लिए सर्च कमेटी गठित कर चुका है। अब तक इस पद के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकरों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जा चुका है।

    चक्रबर्ती फिलहाल बैंकों की निगरानी, करेंसी मैनेजमेंट, वित्तीय स्थिरता, कस्टमर सर्विस, रूरल क्रेडिट और ह्यूंमन रिसोर्स मैनेजमेंट संबंधी क्षेत्रों में आरबीआइ के दिशानिर्देशन और निगरानी का काम संभाल रहे हैं। वह फाइनेंशियल स्टेबलिटी बोर्ड में आरबीआइ के नामित सदस्य हैं। इसके अलावा वह भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण के चेयरमैन और कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चरल बैंकिंग [सीएबी] की सलाहकार समिति के प्रमुख हैं। आरबीआइ में नियुक्ति से पहले चक्रबर्ती पंजाब नेशनल बैंक और इंडियन बैंक के सीएमडी रह चुके हैं।

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