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    JPMorgan भारत को अपने उभरते बाजारों के बांड इंडेक्स में करेगा शामिल, जानिए बॉन्ड मार्केट पर क्या पड़ेगा असर

    By AgencyEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Fri, 22 Sep 2023 10:52 AM (IST)

    जेपी मॉर्गन ने आज कहा कि उसने अपने व्यापक रूप से फॉलो किए जाने वाले उभरते बाजार बॉन्ड सूचकांक में भारत सरकार के बॉन्ड को शामिल करेगा। यह बॉन्ड 28 जून 2024 को शामिल किए जाएंगे। एक बार सूचकांक में शामिल होने के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत के डेट बाजार में अरबों डॉलर का विदेशी प्रवाह बढ़ सकता है।

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    भारत सरकार के बॉन्ड को 28 जून, 2024 को शामिल किया जाएगा।

    नई दिल्ली, एजेंसी: दुनिया का सबसे बड़े बैंक जेपी मॉर्गन (JPMorgan Chase & Co.) ने आज कहा कि वह भारत सरकार के बॉन्ड को अपने व्यापक रूप से ट्रैक किए जाने वाले उभरते बाजार डेट सूचकांक (Debt Index) में शामिल करेगा।

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    जेपी मॉर्गन ने कहा कि भारत सरकार के बॉन्ड को 28 जून, 2024 को शामिल किया जाएगा। इस इंडेक्स में शामिल होने के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत के डेट मार्केट (Debt Market) में अरबों डॉलर का विदेशी प्रवाह बढ़ सकता है।

    कितने बॉन्ड को किया जाएगा शामिल?

    भारत के स्थानीय बॉन्डों को सरकारी बॉन्ड इंडेक्स-इमर्जिंग मार्केट्स (GBI-EM) इंडेक्स और इंडेक्स सुइट में शामिल किया जाएगा, जो जेपी मॉर्गन के अनुसार वैश्विक फंड में लगभग 236 बिलियन डॉलर का बेंचमार्क है।

    जेपी मॉर्गन के मुताबिक 330 अरब डॉलर के संयुक्त अनुमानित मूल्य वाले 23 भारतीय सरकारी बॉन्ड पात्र हैं जिन्हें शामिल किया जाएगा। सभी गैर-निवासियों के लिए "पूरी तरह से पहुंच" की श्रेणी में आते हैं।

    जेपी मॉर्गन ने कहा कि

    जीबीआई-ईएम ग्लोबल डायवर्सिफाइड में भारत अधिकतम 10 प्रतिशत और जीबीआई-ईएम ग्लोबल इंडेक्स में लगभग 8.7 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है।

    2019 में शुरू हुई थी बॉन्ड को शामिल करने की बात

    जेपी मॉर्गन ने कहा कि भारत ने 2019 में अपने डेट को वैश्विक सूचकांक में शामिल करने पर बातचीत शुरू की थी। भारत ने वैश्विक बॉन्ड इंडेक्स में प्रवेश करने के प्रयास के तहत 2020 में कुछ सरकारी प्रतिभूतियों पर विदेशी निवेश प्रतिबंध हटा दिए थे।

    अभी तक भारतीय बॉन्ड में निवेशकों की खरीदारी धीमी

    2023 में अब तक 3.4 बिलियन डॉलर के शुद्ध खरीद के साथ भारतीय बॉन्ड में विदेशी निवेशकों की खरीदारी धीमी बनी हुई है। विदेशी निवेशकों के पास बकाया भारतीय सरकारी डेट का 2 प्रतिशत से भी कम हिस्सा है।

    रुपये में आई मजबूती

    स्थानीय बाजार खुलने से पहले ऑफशोर ट्रेड में भारतीय रुपया 0.3 प्रतिशत बढ़ा। जबकि व्यापारियों को उम्मीद थी कि स्थानीय बॉन्ड यील्ड में तेजी से गिरावट आएगी।