कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच भारत की अर्थव्यवस्था हो रही है मजबूत: RBI Article
आरबीआई के नवीनतम बुलेटिन के अनुसार कमजोर वैश्विक परिदृश्य के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। यह ताकत सार्वजनिक क्षेत्र के पूंजीगत व्यय के साथ-साथ घरेलू निजी खपत और निश्चित निवेश से प्रेरित है। आरबीआई ने कहा कि आक्रामक मौद्रिक सख्ती का असर सर्विस सेक्टर और बैंक लोन तक फैल गया है जिससे औद्योगिक उत्पादन में मंदी आ गई है।

नई दिल्ली, एजेंसी: रिजर्व बैंक (आरबीआई) की लेटेस्ट बुलेटिन के मुताबिक वैश्विक संभावनाओं के कमजोर होने के बीच, भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। यह मजबूती सार्वजनिक क्षेत्र के पूंजीगत व्यय के साथ घरेलू निजी खपत और निश्चित निवेश के कारण मिल रही है।
औद्योगिक उत्पादन की गति में गिरावट
आरबीआई की स्टेट ऑफ इकोनॉमी पर लिखी एक आर्टिकल में कहा गया कि चीन और यूरोप में मंदी के बारे में चिंताएं व्याप्त हैं। आरबीआई ने कहा कि आक्रामक मौद्रिक सख्ती का प्रभाव सर्विस सेक्टर, बैंक लोन पर फैल रहा है जिससे औद्योगिक उत्पादन की गति में गिरावट आ रही है।
भारत के लिए जी20 का बड़ा महत्व
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा (Michael Debabrata Patra) के नेतृत्व वाली एक टीम द्वारा लिखे गए लेख के मुताबिक वैश्विक प्रगति की दृष्टि के रूप में 'वसुधैव कुटुंबकम' के साथ भारत की जी 20 प्रेसीडेंसी और इसके परिणाम ऐसे माहौल में महत्व रखते हैं जहां वैश्विक आर्थिक गतिविधि विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक आर्थिक स्थितियों के कारण कम हो रही है।
आरबीआई के आर्टिकल के मुताबिक
कमजोर होती वैश्विक संभावनाओं के बीच, भारतीय अर्थव्यवस्था घरेलू चालकों - निजी खपत; के नेतृत्व में ताकत हासिल कर रही है। आपूर्ति प्रतिक्रियाओं में सुधार हो रहा है और हेडलाइन मुद्रास्फीति पिछले महीने के शिखर से अगस्त में कम हो गई है
आर्टिकल लिखे लेखक के हैं निजी विचार
आरबीआई ने कहा कि इस आर्टिकल में लिखे गए विचार आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा के नेतृत्व वाली टीम के निजी विचार हैं, आरबीआई के नहीं।
भारतीय स्पेस मिशन सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण
आर्टिकल में आरबीआई ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष प्रयास देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। स्पेस एजेंसी मौसम पूर्वानुमान, भूवैज्ञानिक और समुद्र विज्ञान अध्ययन, आपदा प्रबंधन और कृषि सहित कई अनुप्रयोग क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है।
आरबीआई ने अपने आर्टिकल में कहा कि भारतीय स्पेस एजेंसी ने देश की रक्षा और सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान में, वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी लगभग 2 प्रतिशत है, लेकिन बढ़ती निजी भागीदारी के साथ यह हिस्सेदारी तेजी से बढ़ने वाली है।
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