Japan Interest Rate Hike: जापान के बैंक ने बढ़ाई ब्याज दरें, ये 30 साल में सबसे ज्यादा; भारत पर कितना असर?
बैंक ऑफ जापान ने अपनी प्रमुख नीतिगत ब्याज दर को बढ़ाकर 0.75% कर दिया (Japan Interest Rate Hike) है, जो सितंबर 1995 के बाद सबसे ज्यादा है। केंद्रीय बैं ...और पढ़ें
Bank of Japan Rate Decision: बैंक ऑफ जापान (Bank of Japan Rate Decision) ने अपनी प्रमुख नीतिगत ब्याज दर को बढ़ाकर 0.75% कर दिया (Japan Interest Rate Hike) है, जो सितंबर 1995 के बाद सबसे ज्यादा है। केंद्रीय बैंक (Bank of Japan) ने वर्ष की अपनी अंतिम नीतिगत बैठक के दौरान ब्याज दर में 0.25 फीसदी अंकों की बढ़ोतरी की। इस कदम से बेंचमार्क ब्याज दर 30 साल के हाई लेवल पर पहुंच गई है, जिससे वैश्विक बाजारों में हलचल मचने की संभावना है। बीओजे ने गुरुवार को वर्ष की अपनी अंतिम नीतिगत बैठक शुरू की।
कई साल तक, जापान ने महंगाई से निपटने के लिए ब्याज दरों को शून्य के आसपास या उससे नीचे बनाए रखा, जबकि अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने महामारी के बाद दरों में तेजी से बढ़ोतरी की। लेकिन बढ़ती महंगाई और बेहतर कारोबारी माहौल ने बैंक ऑफ जापान को अपना रुख बदलने के लिए मजबूर कर दिया है, हालांकि पिछली तिमाही में जापान की अर्थव्यवस्था में 2.3 फीसदी की वार्षिक दर से गिरावट आई है।
इस कदम का एक प्रमुख कारण येन की लगातार कमजोरी है। येन अमेरिकी डॉलर और अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले गिर गया है, जिससे खाद्य पदार्थ, ईंधन और आवश्यक वस्तुओं जैसे आयात महंगे हो गए हैं। उच्च ब्याज दरें जापानी बाजारों में अधिक निवेश आकर्षित करके येन को मजबूत करने में मदद कर सकती हैं, क्योंकि वैश्विक निवेशक येन-मूल्य वाले परिसंपत्तियों पर बेहतर रिटर्न की तलाश में हैं।
हालिया ब्याज दर वृद्धि एक व्यापक नीतिगत बदलाव का संकेत भी देती है, जिसके तहत बैंक ऑफ जापान द्वारा 2026 में ब्याज दरों को "सामान्य" बनाए रखने की उम्मीद है। किसी भी और सख्ती का वैश्विक बाजारों पर प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि जापान लंबे समय से दुनिया भर के निवेशकों के लिए कम लागत वाली पूंजी का स्रोत रहा है। मजबूत येन या ब्याज दरों में और वृद्धि से एशिया, अमेरिका और यूरोप में मुद्रा के रुझान, बॉन्ड बाजारों और निवेशकों की भावना पर असर पड़ सकता है।
2024-2025 के दौरान जापानी येन की चाल असामान्य रही। बैंक ऑफ जापान (BOJ) ने मार्च 2024 में 17 वर्षों बाद पहली बार ब्याज दरें बढ़ाईं और जनवरी 2025 में दूसरी बढ़ोतरी कर दरों को लगभग 0.5% तक ले गया। उस समय जापान में महंगाई 4% तक पहुंच गई थी। सामान्यतः ऐसी स्थिति में मुद्रा मजबूत होती है, लेकिन इसके बावजूद 2025 में येन पहले मजबूत हुआ और फिर तेजी से कमजोर हो गया। -आनंद राठी ग्लोबल फाइनेंस के ट्रेजरी प्रमुख हरसिमरन साहनी
आनंद राठी ग्लोबल फाइनेंस के ट्रेजरी प्रमुख हरसिमरन साहनी ने जापानी येन में हाल ही में हुई अस्थिरता और इसके पीछे के प्रमुख कारणों का विश्लेषण किया है।
येन 3 फेजों से गुजरा
फेज 1: जब येन मजबूत हुआ (जनवरी–अप्रैल 2025)
BOJ की सख्ती, अमेरिका में संभावित फेड रेट कट्स की उम्मीद, डॉलर की कमजोरी और नैस्डैक में तेज गिरावट के कारण जोखिम से बचने का माहौल बना। इससे लंबे समय से चल रहे “शॉर्ट येन कैरी ट्रेड” टूटे और येन मजबूत होकर USDJPY 158 से 140 तक आ गया।
फेज 2: जब येन तेजी से कमजोर हुआ (अप्रैल–नवंबर 2025)
यह सबसे अहम और ''क्यूरियस'' चरण था। BOJ की दर बढ़ोतरी के बावजूद येन कमजोर हुआ, इसके चार मुख्य कारण रहे
1. अमेरिकी AI और टेक शेयरों में जबरदस्त तेजी
निवेशकों ने सस्ते येन में उधार लेकर अमेरिकी टेक/AI शेयर खरीदे, जिससे येन कैरी ट्रेड फिर शुरू हो गया।
2. ब्याज दरों का अंतर
जापान की दरें 0.5% और अमेरिका की 4-4.5% रहीं, जिससे पूंजी अमेरिका की ओर जाती रही।
3. महंगाई का अंतर
अमेरिका में महंगाई फिर बढ़ने लगी, जबकि जापान में 4% से घटकर ~2.7% आ गई, जिससे BOJ की आगे की सख्ती की उम्मीद कम हुई।
4. जापान में राजनीतिक अपेक्षाएं
सानाए ताकाइची सरकार और विस्तारवादी राजकोषीय नीति की उम्मीदों ने भी येन पर दबाव डाला। नतीजतन USDJPY 140 से बढ़कर 157 तक पहुंच गया।
फेज 3: येन में आंशिक रिकवरी (नवंबर 2025 के बाद)
AI शेयरों और नैस्डैक में गिरावट आने से जोखिम भावना ठंडी पड़ी और येन कैरी ट्रेड कुछ हद तक उलटा। साथ ही जापान की महंगाई फिर ~3% की ओर बढ़ी और दिसंबर 2025 में एक और BOJ रेट हाइक (0.75%) की उम्मीद बनी। बड़े राजकोषीय पैकेज और बढ़ती बॉन्ड यील्ड्स ने भी येन को सहारा दिया, जिससे USDJPY लगभग 155 तक आया।
इसका भारतीय बाजारों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि “आज बैंक ऑफ जापान के ब्याज दर संबंधी फैसले पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। यह लगभग तय है कि बैंक ऑफ जापान ब्याज दरों में 25 बीपीएस की बढ़ोतरी करेगा, इसलिए इस फैसले का बाजार पर असर पड़ने की संभावना कम है। बाजार जापान में मुद्रास्फीति के संदर्भ में भविष्य में ब्याज दरों में होने वाले बदलावों के बारे में केंद्रीय बैंक की टिप्पणी का इंतजार कर रहा है। अगर बैंक ऑफ जापान प्रमुख ब्याज दरों में और बढ़ोतरी का संकेत देते हैं, तो इससे बाजार पर असर पड़ेगा क्योंकि बाजार को येन के कैरी ट्रेड में और गिरावट आने का डर होगा, जिससे भारत जैसे बाजारों से विदेशी निवेशकों (एफआईआई) का और अधिक मोहभंग हो सकता है। इसलिए, बैंक ऑफ जापान की टिप्पणी पर नजर रखें।

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