ITR फाइलिंग के लिए आज से खुल गए ये दो फॉर्म, जानिए आपके लिए कौन सा है फॉर्म सही?
ITR filing 2025 आयकर विभाग ने बुधवार की सुबह सोशल मीडिया एक्स पर बताया कि ITR-1 और ITR-4 प्री-फिल्ड डेटा के साथ ऑनलाइन फाइलिंग के लिए तैयार हैं। इस जानकारी के साथ इस खबर में हम आपको यह भी बता रहे हैं कि इन दोनों फॉर्म में से आपके लिए कौन सा फॉर्म सही होगा।

Online ITR filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन फाइल करने के लिए दो फॉर्म तैयार हैं। आयकर विभाग ने बुधवार सुबह सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। विभाग ने कहा है कि ITR-1 या ITR-4 फॉर्म प्री-फिल्ड डेटा के साथ फाइलिंग के लिए तैयार हैं। ये फॉर्म वित्त वर्ष 2024-25 या आकलन वर्ष 2025-26 के लिए हैं।
हालांकि प्री-फिल्ड डेटा के साथ रिटर्न फाइल करने में लोगों को अब भी परेशानी आ रही है। सोशल मीडिया ‘X’ पर आयकर विभाग के ट्वीट के जवाब में अनेक लोगों ने इसके बारे में शिकायत की है। एक शिकायतकर्ता ने लिखा, “ऑनलाइन मोड में अब भी समस्या आ रही है। ‘कन्फर्म’ पर क्लिक करने के बाद स्टेप आगे नहीं बढ़ता है। ब्राउजर पर पीछे जाना पड़ता है।” एक अन्य व्यक्ति ने लिखा, “पर्सनल इन्फॉर्मेशन स्टेज पर जाकर यह अटक क्यों जाता है?”
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ITR-1 किसके लिए है
टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज एलएलपी के पार्टनर विवेक जालान ने बताया कि अगर आपकी कमाई सैलरी, पेंशन, एक हाउसिंग प्रॉपर्टी या अन्य स्रोतों (बेटिंग, गैंबलिंग और लॉटरी छोड़कर) से होती है तो आप रिटर्न फाइल करने के लिए ITR-1 का इस्तेमाल कर सकते हैं। कृषि से होने वाली आय 5000 रुपये तक है तो भी आपके लिए यही फॉर्म है। इस फॉर्म को भरने के लिए आपको फॉर्म 16, निवेश के लिए किए गए पेमेंट की रसीद, अगर किराये पर रहते हैं तो किराये की रसीद आदि डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी। आईटीआर-1 को ‘सहज’ भी कहा जाता है।
ITR-4 किसके लिए है
इसे फॉर्म को ‘सुगम’ भी कहते हैं। यह व्यक्तिगत आयकर दाता, हिंदू अविभाजित परिवार और पार्टनरशिप फर्म वालों के लिए है। अगर अपने आयकर कानून की धारा 44AD, 44ADA और 44AE के तहत बिजनेस इनकम पर प्रिजंप्टिव टैक्स का विकल्प चुना है तो भी आपके लिए यही फॉर्म सही है। इसे भरने के लिए फॉर्म 16/16 ए, फॉर्म 26AS और AIS, हाउसिंग लोन इंटरेस्ट सर्टिफिकेट, किराये का एग्रीमेंट, किराये की रसीद, बैंक स्टेटमेंट, इन्वेस्टमेंट प्रीमियम भुगतान की रसीद आदि डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है।
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इनके लिए नहीं है ITR-1
अगर आपकी सालाना आमदनी 50 लाख रुपये से अधिक है, कृषि से होने वाली आय 5000 रुपये से अधिक है, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के अलावा सेक्शन 112ए के तहत अन्य टैक्सेबल कैपिटल गेन 1.25 लाख रुपये तक है, अगर आपकी कमाई बिजनेस या प्रोफेशन से होती है, एक से अधिक हाउसिंग प्रॉपर्टी से इनकम होती है, अगर आप किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं, पूरे वित्त वर्ष में किसी भी समय आपने अनलिस्टेड कंपनी के शेयरों में निवेश किया है, भारत से बाहर आपकी कोई संपत्ति है, अगर आप रेजिडेंट नॉट ऑर्डिनरिली रेजिडेंट (RNOR) या नॉन-रेजिडेंट हैं, विदेश से किसी तरह की आय होती है, अगर सेक्शन 194एन के तहत टैक्स डिडक्शन हुआ है, अगर आपने किसी नुकसान को कैरी फॉरवर्ड किया है।
ये लोग नहीं कर सकते ITR-4 का प्रयोग
अगर आपकी सालाना आमदनी 50 लाख रुपये से अधिक है, एक से अधिक हाउसिंग प्रॉपर्टी से इनकम होती है, भारत से बाहर आपकी कोई संपत्ति है, विदेश से किसी तरह की आय होती है, भारत से बाहर किसी एकाउंट में साइनिंग अथॉरिटी हैं, अगर आप किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं, पूरे वित्त वर्ष में किसी भी समय आपने अनलिस्टेड कंपनी के शेयरों में निवेश किया है, अगर आप रेजिडेंट नॉट ऑर्डिनरिली रेजिडेंट (RNOR) या नॉन-रेजिडेंट हैं, अगर आपने किसी नुकसान को कैरी फॉरवर्ड किया है।
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