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    Israel-Iran War का इन शेयरों पर होगा सीधा असर, आप भी नोट कर लीजिए इनके नाम

    Updated: Fri, 13 Jun 2025 01:26 PM (IST)

    भारत अपने कच्चे तेल की जरूरतों का 80% से ज्यादा इंपोर्ट करता है। ऐसे में अगर ईरान और इजराइल (Israel Iran War) के बीच युद्ध छिड़ता है तो ब्रेंट क्रूड (Brent crude prices) की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिल सकता है। ईरान के पास दुनिया के तेल भंडार का करीब 9% हिस्सा है। इसका असर भारत की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (oil marketing companies) पर पड़ सकता है।

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    इजराइल-ईरान वॉर का असर भारतीय ऑयल कंपनियों पर पड़ सकता है।

    नई दिल्ली। इजराइल ने शुक्रवार यानी 12 जून की सुबह ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए। जिससे तेल की कीमतें अचानक बढ़ गईं। ऐसे में माना जा रहा है कि ईरान और इजराइल (Israel Iran War Effect) के बीच बढ़े तनाव का असर भारतीय कंपनियों पर पड़ेगा। अब सवाल ये है कि आखिर युद्ध का असर भारत की किन कंपनियों पर पड़ेगा और इसका आम आदमी की जेब पर कितना असर होगा? तो इसके बारे में बता रहे हैं- आनंद राठी ग्लोबल फाइनेंस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नवीन व्यास. आइए जानते हैं...

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    आपकी जरूरत पूरी करने वाली इन कंपनियों पर पड़ेगा असर!

    भारत अपने कच्चे तेल की जरूरतों का 80% से ज्यादा इंपोर्ट करता है। ऐसे में अगर ईरान और इजराइल (Israel Iran War) के बीच युद्ध छिड़ता है, तो ब्रेंट क्रूड (Brent crude prices) की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिल सकता है। ईरान के पास दुनिया के तेल भंडार का करीब 9% हिस्सा है। इसका असर भारत की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (oil marketing companies) पर पड़ सकता है। जिनमें बीपीसीएल (BPCL), एचपीसीएल (HPCL) और आईओसी (IOC) जैसी कंपनियां शामिल हैं।

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    पेंट्स, ऑटोमोबाइल और सीमेंट इंडस्ट्री पर भी पड़ेगा असर!

    युद्ध का असर बर्जर पेंट्स और एशियन पेंट्स (Berger Paints and Asian Paints) जैसी कंपनियों के अलावा ऑटोमोबाइल (Automobiles) और सीमेंट उद्योंगों पर भी पड़ सकता है। अगर तनाव 3 से 6 महीने से ज्यादा चलता है और ब्रेंट क्रूड की कीमत 82 से 85 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जाती है, तो इन क्षेत्रों में मांग कम हो सकती है और मार्जिन पर दबाव बढ़ सकता है।

    खाने-पीने का सामान होगा महंगा, बढ़ेंगे पेट्रोल-डीज़ल के दाम?

    मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ईरान और इजराइल युद्ध के कारण अगर ज्यादा दिनों तक क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ी रहती हैं तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा सकती हैं। जिसके चलते ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ खाने-पीने का चीजें और बाकी सामान भी महंगा हो सकता है। यानी ये साफ है कि अगर युद्ध लंबा खिंचा तो महंगाई और बढ़ेगी।

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    बीपीसीएल, एचपीसीएल और आईओसी क्या हैं और क्या काम करती हैं?

    बीपीसीएल (BPCL), एचपीसीएल (HPCL) और आईओसी (IOC) सभी तेल और गैस से संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम यानी PSUs (public sector undertakings) हैं, जो पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की रिफाइनिंग, स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन का काम करती हैं। ये कंपनियां भारत में ईंधन और अन्य पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की सप्लाई का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।