IRDAI ने जीवन बीमा कंपनियों को ई-पॉलिसी जारी करने की दी अनुमति
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक सर्कुलर जारी कर जीवन बीमा कंपनियों को पॉलिसी दस्तावेज को प्रकाशित कर बीमाधारक के पास भेजने के नियम से छूट दी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और सामान्य कारोबारी गतिविधियों में आ रही दिक्कतों को देखते हुए बीमा नियामक इरडा ने जीवन बीमा कंपनियों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से बीमा पॉलिसी यानी ई-पॉलिसी जारी करने की मंगलवार को अनुमति दे दी।
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक सर्कुलर जारी कर जीवन बीमा कंपनियों को पॉलिसी दस्तावेज को प्रकाशित कर बीमाधारक के पास भेजने के नियम से छूट दी है।
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हालांकि, यह छूट सशर्त दी गयी है। इरडा ने कहा कि यह छूट 2020-21 के दौरान जारी की जाने वाली सभी बीमा पॉलिसियों के लिए मान्य रहेगी। विभिन्न बीमा कंपनियों के ग्राहकों तक पॉलिसी भेजने में आ रही दिक्कतों को लेकर चिंता व्यक्त करने के बाद इरडा ने यह निर्णय किया है।
कंपनियों को ई-पॉलिसी को देखने-समझने के लिए ग्राहक को 30 दिन का समय देना होगा। साथ ही ग्राहकों से ई-पॉलिसी लेने को लेकर सहमति हासिल करनी होगी। यदि ग्राहक उसके बाद भी हार्ड कॉपी या दस्तावेज की मांग करता है तो कंपनियों को उसे वह भेजना होगा। इस बीच नियामक ने जीवन बीमा कंपनियों को प्रत्येक तिमाही उनकी निवेश रिटर्न इलेक्ट्रानिक माध्यम से भेजने की भी अनुमति दे दी है।
IRDAI ने किया था आगाह
पिछले दिनों IRDAI ने ठगी और धोखाधड़ी को लेकर लोगों को आगाह किया था। नियामक ने लोगों को बीमा कंपनियों या पंजीकृत एजेंटों से ही बीमा पॉलिसी लेने के लिए कहा था। IRDAI ने कहा था कि आम लोगों या पॉलिसीधारकों को अज्ञात और गलत काम करने वाले तत्वों की तरफ से ललचाने-लुभाने वाले कॉल आते रहते हैं। उसमें वे स्वयं को IRDAI के अधिकारी या प्रतिनिधि बताते हैं तथा ऐसी लुभावनी पेशकश करते हैं जो बीमा पॉलिसी के दायरे से बाहर होती है।
IRDAI के मुताबिक ऐसे जालसाज बीमा लेन-देन विभाग, आरबीआइ या किसी अन्य सरकारी एजेंसियों का नाम लेकर लोगों को गुमराह करते हैं। नोटिस के अनुसार इन जालसाजों द्वारा की गई पेशकश जीवन बीमा पॉलिसी के लाभ की वास्तविकताओं से परे होती हैं। वे अवैध हो चुकी पॉलिसी में बोनस, एजेंसी का कमीशन, निवेश राशि जैसी चीजें वापस करने की पेशकश करते हैं। इस पेशकश के बदले वे कुछ राशि पहले जमा करने या शुल्क भुगतान के लिए कहते हैं।