इस डिफेंस कंपनी के स्टॉक स्प्लिट होने से पहले टूट पड़े निवेशक, 4 जुलाई तक आपके पास भी है मौका
पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज ने स्टॉक स्प्लिट (Paras Defence stock-split) की घोषणा की है। स्टॉक स्प्लिट की रिकॉर्ड डेट 4 जुलाई है। अगर आप भी इसका फायदा उठाना चाहते हैं तो आपके रिकॉर्ड डेट से पहले इसके शेयर खरीदने होंगे। इसके साथ कंपनी को फ्रांस की एक कंपनी से एंटी ड्रोन बनाने का ऑर्डर भी मिला है जिसके चलते इसके शेयर तेजी से भाग रहे हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डिफेंस कंपनी पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज के शेयर बुधवार को शेयर बाजार में तेजी से भागे। इसके शेयर BSE पर 4.5% तक बढ़कर 1,702 रुपये पर पहुंच गए। कंपनी को फ्रांसीसी रक्षा फर्म सेरबेयर से एंटी-ड्रोन सिस्टम के लिए एक नया अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर मिला है। इसकी घोषणा होते ही कंपनी के शेयरों ने रफ्तार पकड़ ली।
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इसकी जानकारी कंपनी ने मंगलवार को एक्सचेंज फाइलिंग में दी। पारस डिफेंस ने कहा कि उसे CHIMERA 200 ड्रोन काउंटरमेजर सिस्टम की 30 इकाइयों की आपूर्ति के लिए सेरबेयर से ऑर्डर मिला है। इस ऑर्डर की वैल्यू 22.21 करोड़ रुपये है। इतना ही नहीं निवेशकों को तोहफा भी देने जा रही है। कंपनी के शेयर स्प्लिट होने वाले हैं। स्प्लिट शेयरों का लाभ उठाने के लिए इसके शेयरों पर निवेशक टूट पड़े। अगर आप भी स्प्लिट (Paras Defence stock split) का फायदा उठाना चाहते हैं तो स्टॉक स्प्लिट की रिकॉर्ड डेट से पहले आपको शेयर खरीदने होंगे।
कब है स्टॉक स्प्लिट की रिकॉर्ड डेट
पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि वह 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले प्रति इक्विटी शेयर को 2 हिस्सों में स्प्लिट कर रही है। यानी एक शेयर दो शेयर में बदल जाएंगे। और इसकी फेस वैल्यू 10 रुपये से कम होकर 5 रुपये हो जाएगी। कंपनी ने इसके लिए 4 जुलाई की रिकॉर्ड डेट (July 4 record date) निर्धारित की है। यानी अगर आप स्टॉक स्प्लिट का फायदा उठाना चाहते हैं तो आपको 4 जुलाई 2025 तक इसके शेयर खरीदने होंगे।
क्या होता है स्टॉक स्प्लिट?
इस कॉर्पोरेट एक्शन का उद्देश्य रिटेल निवेशकों के लिए शेयरों की खरीद को आसान बनाना है। स्टॉक स्प्लिट प्रति शेयर वैल्यू को कम करके बकाया शेयरों की संख्या बढ़ाता है। यह कदम आम तौर पर लिक्विडिटी को बढ़ाता है। स्प्लिट करने से स्टॉक की कीमत कम हो जाती है लेकिन शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे कंपनी की वैल्यूएशन पर इसका असर नहीं पड़ता।
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