Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में पेश किए कई बड़े बदलाव; बिल मिलने के तीन घंटे में होगा अब सेटलमेंट

    Updated: Sun, 21 Jul 2024 04:30 PM (IST)

    भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ने हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में कुछ बड़े बदलाव पेश किए हैं। ये नए बदलाव पॉलिसी रिन्युअल प्रॉसेस को आसान बनाने से लेकर बिल मिलने के बाद सेटलमेंट के समय को निर्धारित करने से जुड़े हैं। नए नियमों के मुताबिक अब कंपनियों को कैशलेस ट्रीटमेंट के अनुरोध पर 1 घंटे के भीतर फैसला करना होगा।

    Hero Image
    हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में पेश हुए नए बदलाव, पॉलिसी रिन्युअल प्रॉसेस हुआ अब आसान

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority of India) ने हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में कुछ बड़े बदलाव पेश किए हैं। इन नए बदलावों में कैशलेस ट्रीटमेंट के अनुरोध पर फैसले में तेजी, पॉलिसी कैंसिलेशन चार्ज में कमी और रिन्युअल प्रोसेस आसान बनाना शामिल है। इस आर्टिकल में हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में हुए इन बदलावों के लेकर ही जानकारी देने जा रहे हैं-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पॉलिसी रिन्युअल प्रॉसेस आसान बनाना

    नए बदलावों के तहत कंपनियां अब पॉलिसी रिन्यू करने से किसी भी आधार पर मना नहीं कर सकती हैं। वहीं, जब तक बीमाधारक कवरेज बढ़ाने का अनुरोध न करे, कंपनियां अंडरराइटिंग नहीं कर सकेंगी।

    कैशलेस ट्रीटमेंट के अनुरोध पर 1 घंटे के अंदर होगा फैसला

    नए बदलावों के तहत अब कंपनियों को कैशलेस ट्रीटमेंट के अनुरोध पर 1 घंटे के भीतर फैसला करना होगा। बता दें, इससे पहले हर बीमा कंपनी ऐसे क्लेम को हैंडल करने के लिए एक अलग तरीका अपनाती थी। इस तरह के क्लेम को हैंडल करने को लेकर कंपनियों की समय-सीमा भी अलग थी।

    बिल मिलने के 3 घंटे में होगा सेटलमेंट

    नए बदलावों के तहत अब बीमा कंपनी को बिल मिलने के 3 घंटे में कैशलेस सेटलमेंट करना होगा। अगर इससे ज्यादा देरी होती है तो कंपनी को अस्पताल द्वारा ली गई अतिरिक्त राशि को भी चुकाने की जिम्मेदारी लेनी होगी।

    ये भी पढ़ेंः Budget 2024: इंश्योरेंस सेक्टर ध्यान दें, बजट सत्र में पेश हो सकता है बीमा कानून संशोधन विधेयक

    पॉलिसी कैंसिलेशन चार्ज में कमी

    नए बदलावों के तहत पॉलिसीधारक अब बीमा कंपनी को 7 दिन का नोटिस देकर हेल्थ इंश्योरेंस रद्द कर सकते हैं। पहले कोई क्लेम न किया हो तो ऐसी स्थिति में कंपनी पॉलिसी के बचे हुए समय के लिए प्रीमियम का हिस्सा वापस कर देगी। बता दें, पहले, कैंसिलेशन चार्ज काफी ज्यादा थे, जिसकी वजह से पॉलिसी बंद करना घाटे का सौदा था।

    60 माह के कवरेज के बाद क्लेम नहीं होगा आसानी से खारिज

    अब 60 माह कवरेज के बाद कंपनी पहले की तरह अपने मनमाने ढंग से क्लेम खारिज नहीं कर पाएंगी। नए नियमों के मुताबिक, इस अवधि के बाद क्लेम खारिज करने को लेकर कंपनी को साबित करना होगा कि ग्राहक ने धोखाधड़ी की है।

     

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें