Budget 2024: इंश्योरेंस सेक्टर ध्यान दें, बजट सत्र में पेश हो सकता है बीमा कानून संशोधन विधेयक
23 जुलाई को पेश होने वाले बजट होगा। बजट सत्र में सरकार बीमा कानून संशोधन बिल पेश कर सकती है। इस कदम से बैंकिंग सेक्टर की तरह विभेदित बीमा कंपनियों के प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है। बीमा अधिनियम 1938 के प्रविधानों के अनुसार जीवन बीमा कंपनियां केवल जीवन बीमा कवर ही दे सकती हैं जबकि साधारण बीमा कंपनियां स्वास्थ्य मोटर आग लगने जैसे गैर-बीमा उत्पाद बेच सकती हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। '2047 तक सभी के लिए बीमा' के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगामी बजट सत्र के दौरान बीमा अधिनियम, 1938 में संशोधन करने वाला विधेयक पेश कर सकती है। विधेयक में शामिल किए जा सकने वाले कुछ प्रविधानों में समग्र लाइसेंस, अंतर पूंजी, साल्वेंसी मानदंडों में राहत, कैप्टिव लाइसेंस जारी करना, निवेश नियमों में बदलाव, इंटरमीडिएटरी के लिए एकमुश्त पंजीकरण और बीमा कंपनियों को अन्य वित्तीय उत्पाद बेचने की अनुमति देना शामिल है।
इस कदम से बैंकिंग सेक्टर की तरह विभेदित बीमा कंपनियों के प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है। बैंकिंग सेक्टर को इस समय सार्वभौमिक बैंक, लघु वित्त बैंक और भुगतान बैंक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। समग्र लाइसेंस के प्रविधान से जीवन बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य बीमा या सामान्य बीमा पॉलिसियों को 'अंडरराइट' करने की अनुमति मिलेगी।
बीमा अधिनियम, 1938 के प्रविधानों के अनुसार, जीवन बीमा कंपनियां केवल जीवन बीमा कवर ही दे सकती हैं, जबकि साधारण बीमा कंपनियां स्वास्थ्य, मोटर, आग लगने जैसे गैर-बीमा उत्पाद बेच सकती हैं। इरडा (IREDA) बीमा कंपनियों के लिए समग्र लाइसेंसिंग की अनुमति नहीं देता है। ऐसे में एक बीमा कंपनी एक इकाई के रूप में जीवन और गैर-जीवन, दोनों उत्पाद नहीं दे सकती है। सूत्रों ने बताया कि विधेयक का मसौदा तैयार है और इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेजा जाना है।