Inflation Good or Bad: क्या मुद्रास्फीति का बढ़ना अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है? समझें महंगाई का पूरा खेल
When is Inflation Good and Bad मुद्रास्फीति को ज्यादातर लोग चिंता का विषय मानते हैं और इसके बढ़ने से महंगाई असर दिखाना शुरू कर देती है। हालांकि इसकी कुछ खूबियां भी है जो आम जनता से लेकर अर्थव्यवस्था तक के लिए अच्छी मानी जाती है। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मुद्रास्फीति, जिसे आसान भाषा में महंगाई भी कहा जाता है, ज्यादातर लोगों के लिए खतरे की घंटी की तरह होता है। जब कभी भी एक निश्चित मात्र की वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बीते कुछ साल की तुलना में नए साल में ज्यादा हो जाती है, तो इसे मुद्रास्फीति (Inflation) कहा जाता है।
बढ़ती मुद्रास्फीति को अर्थव्यवस्था के विकास के लिए खतरे के रूप में देखा जाता है और इसके बढ़ने से आम जनता पर इसका नकारात्मक पड़ता है। पर इसकी कुछ छिपी हुई खूबियां भी हैं, जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं। तो चलिए समझते हैं कि मुद्रास्फीति किसी भी अर्थव्यवस्था और उसकी जनता के लिए अच्छा है या बुरा।
मुद्रास्फीति की खूबियां (Advantages of Inflation)
- मुद्रास्फीति की बहुत-सी खूबियां हैं, जिसके बारे में लोगों को नहीं पता होता। आमतौर पर बढ़ती मुद्रास्फीति इस बात पर निर्भर करती है कि इसे किस पक्ष के रूप में लिया जा रहा है और परिवर्तन कितनी तेजी से हो रहा है।
- सोना, संपत्ति, रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट या स्टॉक जैसी वस्तुओं के लिए मुद्रास्फीति में बढ़त एक अच्छा संकेत होता है, क्योंकि इससे उनकी संपत्ति की कीमत बढ़ जाती है।
- निवेशकों के लिए भी यह स्थिति अच्छी होती है। ज्यादातर निवेशक मुद्रास्फीति के कारण बेहतर रिटर्न की उम्मीद करते हैं।
- मुद्रास्फीति की बझ से क्रय शक्ति में कमी आती है और इससे खर्च करने की शक्ति में भी इजाफा होता है। इस दौरान लोग निवेश में कम ध्यान देखर मौजूदा खर्चों के लिए पैसे रखने लगते हैं।
मुद्रास्फीति के नुकसान (Disadvantages of Inflation)
फायदों के साथ-साथ मुद्रास्फीति से हिने वाले नुकसान को भी समझना जरूरी है।
- मुद्रास्फीति का सबसे पहला असर आम जनता पर देखा जाता है। इससे लोगों की क्रय शक्ति गिर जाती है और उतनी आमदनी में ही उन्हें महंगाई का सामना करना पड़ता है। नतीजतन, लोग महंगी वस्तुओं को खरीदना कम कर देते हैं और रोजमर्रा की चीजों को खरीदने पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
- नकद या बांड रखने वाले निवेशकों के लिए यह अच्छा समय नहीं होता, क्योंकि मुद्रा की कीमत काफी हद तक गिर जाती है।
- मुद्रास्फीति की उच्च और परिवर्तनीय दरें अर्थव्यवस्था के लिए भी खतरे के संकेत देती है। इससे सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं की लागत बढ़ जाती है।
- व्यवसायों, श्रमिकों और उपभोक्ताओं को अपनी खरीद, बिक्री और नियोजन निर्णयों में आम तौर पर बढ़ती कीमतों के प्रभावों को झेलना पड़ता है।
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