200 कंपनीज और 42 लाख करोड़ की वैल्यू, युवा उद्यमियों ने दिखाई अपनी ताकत, इस लिस्ट में कौन-कौन
IDFC FIRST प्राइवेट और हुरुन इंडिया की लिस्ट के अनुसार, भारत के टॉप 200 सेल्फ-मेड एंटरप्रेन्योर्स की सभी कंपनियों की वैल्यू 2025 में 42 लाख करोड़ रुपय ...और पढ़ें

नई दिल्ली। भारत के टॉप 200 सेल्फ-मेड एंटरप्रेन्योर्स (self made entrepreneurs) की सभी कंपनियों की कुल वैल्यू 2025 में 42 लाख करोड़ रुपये (469 बिलियन डॉलर) हो गई है, जो पिछले साल 36 लाख करोड़ रुपये (431 बिलियन डॉलर) थी। एक रिपोर्ट में यह बताया गया है। साल 2024 से 2025 के बीच इन उद्यमियों की दौलत में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
IDFC FIRST प्राइवेट और हुरुन इंडिया की लिस्ट के अनुसार, 'मिलेनियम 2025 के सेल्फ-मेड एंटरप्रेन्योर्स' द्वारा स्थापित अरबों डॉलर की कंपनियों की संख्या पिछले साल के 121 से बढ़कर 128 हो गई है, जिससे इस एलीट क्लब में 22 नई कंपनियाँ शामिल हुई हैं। 2025 एडिशन में 102 नए फाउंडर्स और 53 नई कंपनियों का आगमन हुआ है।
5 कंपनियों की वैल्यू 1 लाख करोड़ से ज्यादा
इस लिस्ट में पांच कंपनियों की वैल्यू 1 लाख करोड़ रुपये या उससे ज़्यादा है, जो पिछले साल तीन थी, यह अल्ट्रा-हाई-वैल्यू बिज़नेस में मज़बूत ग्रोथ दिखाता है। वहीं, बेंगलुरु, भारत के टॉप स्टार्टअप हब के तौर पर अपनी जगह बनाए हुए है, जिसमें 52 कंपनियां हैं, हालांकि यह पिछले साल से 14 कम है।
किन शहरों में ये कंपनीज?
रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई में 41 कंपनियां (+5) और गुरुग्राम में 36 कंपनियां (+5) थीं, जो बड़े शहरों में एंटरप्रेन्योरियल एक्टिविटी में एक डायनामिक बदलाव को दिखाता है। बेंगलुरु 88 एंटरप्रेन्योर्स के साथ फाउंडर्स के रहने के लिए टॉप शहर बना रहा, उसके बाद मुंबई 83 और नई दिल्ली 52 के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे, जो मिलकर 2025 में भारत के टॉप सेल्फ-मेड एंटरप्रेन्योर्स का एक बड़ा हिस्सा बनाते हैं।
इस सेक्टर की कंपनीज ज्यादा
IDFC FIRST बैंक के वेल्थ मैनेजमेंट और प्राइवेट बैंकिंग के हेड विकास शर्मा ने कहा, "भारत अपने एंटरप्रेन्योरशिप इकोसिस्टम की क्वालिटी के लिए दुनिया के टॉप देशों में से एक है। यह रिपोर्ट उन दूरदर्शी लीडर्स की असाधारण कहानियों का सम्मान करती है जो देश के आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं।" फाइनेंशियल सर्विसेज़ सेक्टर में 47 कंपनियों के साथ सबसे आगे रहा, इसके बाद सॉफ्टवेयर और सर्विसेज़ (28), हेल्थकेयर (27), और रिटेल (20) का नंबर आता है।
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खास बात यह है कि 189 कंपनियों में बाहरी इन्वेस्टर्स हैं, जबकि बाकी कंपनियों ने खुद के पैसे से शुरुआत की है। 2020 के बाद शुरू हुई पांच कंपनियों की कुल वैल्यू अब 78,000 करोड़ रुपये है।

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